नई दिल्ली: एडिलेड में खेले गए पिंक बॉल टेस्ट मैच में भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार का मुख्य कारण टीम इंडिया की बेहद कमजोर बल्लेबाजी रही। टेस्ट मैच की दोनों पारियों में भारतीय बल्लेबाज असफल रहे और कोई भी खिलाड़ी अर्धशतक तक नहीं जड़ सका। यह हार भारतीय क्रिकेट फैंस के लिए काफी निराशाजनक साबित हुई, खासतौर पर इसलिए क्योंकि भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप मजबूत मानी जाती है।

एडिलेड टेस्ट में भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह विफल रही। टीम की ओर से दोनों पारियों में टॉप स्कोरर नितीश रेड्डी रहे, जिन्होंने 42-42 रनों की पारियां खेलीं। यह एक ऐसा प्रदर्शन था, जो एक मैच पहले डेब्यू करने वाले बल्लेबाज से उम्मीद से कहीं ज्यादा था।

यह चौंकाने वाली बात है कि अनुभवी बल्लेबाज जैसे रोहित शर्मा, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे जैसी काबिलियत रखने वाले खिलाड़ी इस मैच में पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए। दूसरी ओर, नितीश रेड्डी ने दिखाया कि उनमें भविष्य में भारतीय क्रिकेट की रीढ़ बनने की क्षमता है। पहली पारी में भारत ने कुल 180 रन बनाए, जबकि दूसरी पारी में 175 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। भारतीय बल्लेबाजों के इस प्रदर्शन ने साफ कर दिया कि पिंक बॉल टेस्ट मैच में वे ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों का सामना करने में असमर्थ रहे।

ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार प्रदर्शन रहा। जहां ट्रेविस हेड ने पहली पारी में 140 रनों की शतकीय पारी खेलकर भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाईं, वहीं मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस ने भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बरपाते हुए पांच-पांच विकेट झटके। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 337 रन बनाए और दूसरी पारी में मात्र 19 रनों का लक्ष्य बिना विकेट गंवाए हासिल कर लिया। यह मैच साबित करता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम डे-नाइट टेस्ट मैचों में कितनी मजबूत है।

टीम इंडिया की ओर से कोई भी गेंदबाज दोनों पारियों में पांच विकेट नहीं ले पाया। यह हार दिखाती है कि भारतीय गेंदबाजी यूनिट को पिंक बॉल टेस्ट के लिए और बेहतर रणनीति तैयार करनी होगी।

एडिलेड टेस्ट की हार से भारत का डे-नाइट टेस्ट में रिकॉर्ड और खराब हो गया है। भारत ने अब तक कुल सात डे-नाइट टेस्ट खेले हैं, जिनमें से चार में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। इस हार ने टीम इंडिया की रणनीति और तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया है कि भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप को कठिन परिस्थितियों में प्रदर्शन सुधारने की जरूरत है।