नई दिल्ली: भारत के स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा ने हर क्रिकेट प्रेमी को हैरान कर दिया। क्रिकेट के सबसे शानदार स्पिनरों में से एक अश्विन ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान ही अपने इंटरनेशनल करियर को अलविदा कहने का फैसला किया। ब्रिसबेन टेस्ट के खत्म होते ही जैसे ही उन्होंने इस खबर को साझा किया, भारतीय खेमे में शोक और आश्चर्य की लहर दौड़ गई।

उनके संन्यास के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अश्विन को एक भावनात्मक पत्र लिखा। इस पत्र में पीएम मोदी ने अश्विन के करियर की सराहना की और उनकी असाधारण प्रतिभा, मेहनत और क्रिकेट में उनके योगदान का जिक्र किया।

अश्विन के शानदार करियर की झलक

रविचंद्रन अश्विन का नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने न केवल गेंदबाजी में अपना लोहा मनवाया बल्कि कई बार बल्ले से भी टीम को संकट से उबारा। उनके नाम 474 टेस्ट विकेट, 151 वनडे विकेट, और 72 टी20 विकेट दर्ज हैं।

अश्विन को उनकी विविधतापूर्ण गेंदबाजी और “कैरम बॉल” के लिए जाना जाता है। उन्होंने अपने पूरे करियर में कई रिकॉर्ड बनाए और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनकी सबसे यादगार परफॉर्मेंस सिडनी टेस्ट और गाबा टेस्ट में रही, जहां उन्होंने अपनी चोट के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया।

पीएम मोदी ने अपने पत्र में लिखा

“आपका संन्यास लेना क्रिकेट प्रेमियों के लिए कैरम बॉल जैसा रहा। इंटरनेशनल क्रिकेट में आपका योगदान अद्वितीय है। आपने भारतीय क्रिकेट को ऊंचाई पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। हर भारतीय आपकी मेहनत, अनुशासन और समर्पण के लिए आपका आभारी रहेगा।” प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि अश्विन ने अपने प्रदर्शन से कई युवाओं को प्रेरित किया है। उन्होंने उनके अनुशासन, खेल के प्रति प्यार और टीम भावना की तारीफ की।

रविचंद्रन अश्विन का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग का अंत है। उनकी कमी पूरी करना मुश्किल होगा, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। पीएम मोदी का पत्र इस बात का प्रमाण है कि अश्विन ने न केवल मैदान पर, बल्कि हर भारतीय के दिल में अपनी जगह बनाई है।