Savings Account: आज हर व्यक्ति के पास बैंक अकाउंट है। क्योंकि आजकल पैसों से जुड़े ज़्यादातर काम ऑनलाइन होते हैं, उसके लिए बैंक अकाउंट की ज़रूरत होती है। अगर आप लगातार बैंक में बहुत ज़्यादा पैसे जमा कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि बैंक में जमा की जाने वाली रकम की एक सीमा होती है, जिसके बाद सरकार उस रकम को जब्त कर सकती है। यह नियम बचत खाते और चालू खाते पर भी लागू होता है।
यदि आप अपने सेविंग अकाउंट से बार-बार बड़े लेनदेन कर रहे हैं और उनके स्रोत की सही जानकारी नहीं दे पाते, तो सरकार इस पर कार्रवाई कर सकती है। 10 लाख रुपये से अधिक की राशि आपके खाते में जमा होने पर यह जानकारी स्वचालित रूप से इनकम टैक्स विभाग को जाती है। यदि आप इस राशि का स्रोत स्पष्ट नहीं कर पाते, तो आप पर 60% टैक्स और 18% पेनल्टी (कुल 78%) लगाई जा सकती है।
इससे बचने के लिए:
1. लेनदेन के स्रोत का स्पष्ट रिकॉर्ड रखें।
2. अपने KYC दस्तावेज अपडेट रखें।
3. संदिग्ध या अनावश्यक बड़े लेनदेन से बचें।
इन नियमों का पालन करके आप किसी भी वित्तीय परेशानी से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए और ।
सेविंग अकाउंट के नियमों के बारे में और जानकारी:
1. बड़े लेन-देन की निगरानी:
यदि आपके खाते में ₹10 लाख से अधिक जमा होता है, तो बैंक इस जानकारी को इनकम टैक्स विभाग को रिपोर्ट करता है। बार-बार ऐसा होने पर विभाग आपसे उस धन का स्रोत पूछ सकता है।
2. प्रॉपर्टी खरीदने पर निगरानी:
अगर आप किसी प्रॉपर्टी का लेनदेन ₹30 लाख से ऊपर करते हैं, तो इसका रिकॉर्ड भी इनकम टैक्स विभाग क पहुंचता है।
3. FD पर भी निगरानी:
₹10 लाख से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) करने पर इसकी जानकारी भी टैक्स विभाग को दी जाती है।
4. GST और अन्य टैक्स:
व्यापारियों और बड़े निवेशकों पर भी GST और अन्य टैक्स के तहत नजर रखी जाती है।
बचाव के उपाय:
अपने अकाउंट के KYC दस्तावेज हमेशा अपडेट रखें।
बड़े लेनदेन का प्रमाण और स्रोत रखें।
संदिग्ध या गैरकानूनी लेनदेन से बचें।
वित्तीय नियमों की जानकारी के लिए समय-समय पर बैंक से संपर्क करें।