नई दिल्लीः संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा (Sambhal Violence) ने अब सियासी रूप ले लिया है. सत्ता विरोधी दल सपा की तरफ से हिंसा को बीजेपी सरकार की नाकामी बताया जा रहा है. उधर बीजेपी भी हिंसा कराने में सपा नेताओं की साजिश का आरोप लगाया जा रहा है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये देने का ऐलान कर दिया है.
सपा ने सोशल मडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर इसकी बात की जानकारी दी है. पोस्ट करते हुए सपा ने यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) से भी मृतकों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की है. दरअसल, संभल में भड़ी हिंसा (Sambhal Violence) के दौरान 5 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्थिति और भी तनाव पूर्ण बन गई.
शहर में भारतीय नागरिक सुरक्षा (BNSS) की धारा 163 लागू है. बाहरी नेताओं और किसी भी सामाजिक संगठन के कार्यकर्ताओं के आने पर पूरी तरह से रोक है.
सपा ने किया बड़ा ऐलान
समाजवादी पार्टी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने का ऐलान कर दिया है. सपा ने एक्स पर पोस्ट लिखकर आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार और प्रशासन की नामाकी की वजह से संभल में पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और इतने बड़े स्तर पर हिंसा हुई. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि संभल में पूरा का पूरा सरकार का और प्रशासन का कराया हुआ झगड़ा था.
अन्याय अगर किसी ने किया है तो सरकार और प्रशासन ने मिलकर किया है। आगे उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को न्याय मिले. प्रशासन जो भी बातें कह रहा है वो सरकार के इशारे पर कह रहा है। 24 नवंबर को अगर तैयारी पहले से होती तो इतना बड़ा बवाल ना होता.
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार और प्रशासन की बड़ी जिम्मेदारी बनती है. जामा मस्जिद के सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले दिन जब सर्वे हुए तो सभई लोगों ने मिलकर यह काम किया. आखिर दोबारा सर्वे का मन क्यों बनाया गया. उन्होंने कहा कि सर्वे करने जब टीम पहुंची तो बीजेपी कार्यकर्ता साथ क्यों थे. पूरा का पूरा भाजपा सरकार का कराया हुआ झगड़ा है.
24 नवंबर को भड़की थी हिंसा
जानकारी के लिए बता दें कि संभल जामा मस्जिद में दोबारा सर्वे करने जब टीम पहुंची तो हिंसा हो गई. मस्जिद के आसपास जमा भीड़ ने लाठी-डंडे और पत्थर फेंके. इसमें कई दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गए. हिंसा के दौरान 5 लोगों की जान चली गई. शहर में बिगड़ते हालात को देखते हुए धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी.
पांच लोगों के साथ खड़े होने पर रोक लगा दी. सोशल मीडिया पर किसी तरह का दुष्प्रचार या अफवाहें रोकने के लिए इंटरनेट भी बंद कर दिया गया. अब शहर में शांति व्यवस्था कायम होती दिख रही है. इंटरनेट सुविधा भी बहाल कर दी गई है. 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगी हुई है.