नई दिल्लीः केंद्र सरकार (central government) की तरफ से गरीबों के कल्याण के लिए कई जनहितकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजना से गरीबी व निम्न वर्ग में जीवन यापन करने वाले लोगों को बंपर फायदा मिल रहा है. इस बीच आप मुफ्त में राशन योजना (free ration card) का लाभ ले रहे हैं तो फिर यह खबर किसी झटके की तरह होगी.
क्या आपको पता है कि सरकार अब बड़े स्तर पर ऐसे लोगों की छंटनी कर रही है जो अपात्र होकर योजना का फायदा उठा रहे हैं. उम्मीद है कि अगले साल यानी 1 जनवरी से अपात्रों के नाम हटा दिए जाएंगे, जो करोड़ों लोगों के लिए किसी बड़े झटके की तरह होगा.
सरकार ने काफी दिन पहले ई-केवाईसी (e-kyc) कराने की अपील की थी, लेकिन लोग इसे अनसुना कर रहे हैं. आप लापरवाही बरतने वाले लोगों का राशन कार्ड (ration card) रुक सकता है. सरकार ने आधिकारिक रूप से तो अभी कुछ नहीं कहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूची तैयार होने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
देशभर में कितने लोगों को मिल रहा अनाज
विभागीय जानकारी के अनुसार देशभर में करीब 80 करोड़ से अधिक ऐसे लोग हैं जिन्हें फ्री गेंहू, चावल का फायदा मिलता है. सरकार ने जरूरमंदों को मदद पहुंचाने के लिए इस पीएम गरीब उन्नमूलन योजना (PM Garib Unnamulan Yojana) का आरंभ किया था. तब से अभी तक योजना का फायदा बड़ी संख्या में लोग ले रहे हैं.
अपात्रों की पहचान करने के लिए सरकार की ओर से खूब प्रयास भी किए जा रहे हैं. अब ऐसे कार्ड धारकों को चिंहित किया जा रहा है. जो योजना को पलीता लगा रहे हैं. नियमों की अनदेखी की हद इतनी कि टैक्सपेयर्स भी योजना का लाभ ले रहे हैं. ऐसे लोगों की पहचान के लिए डाटा कर संबंधियों को सौंपा जाएगा.
अब संबंधित कार्ड्स का वैरिफिकेशन भी कराना होगा. इसके साथ ही फर्जी पाए जाने पर उचित कार्रवाई भी की जानी है. बीते वर्ष साल ही अकेले उत्तर प्रदेश से 90 लाख कार्ड रद्द करने का काम किया जाएगा.
जानिए कार्ड पोर्टेबल्टी से जुड़ी जरूरी बातें
अब लोगों राशन कार्ड पोर्टेबल्टी को भी तवज्जों दी जा रही है. कई राज्यों में एक देश एक राशन कार्ड योजना का आगाज भी हो चुका है. इसका मतलब कि अगर आपका राशन कार्ड उत्तर प्रदेश का बना हुआ है तो उत्तराखंड में जाकर भी अनाज की सुविधा ले सकते हैं. देशभर में आप कहीं से भी राशन कार्ड की सुविधा ले सकते हैं.
राशन लेने के लिए राशन कार्ड में बदलाव कराने की जरूरत नहीं होगी. सू्त्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अभियान चलाकर लोगों को जागरुक भी किया जा सकता है. कई राज्यों में राशन कार्ड पोर्टेबल्टी हो भी चुका है.