नई दिल्लीः प्राइवेट जॉब (Private job) करने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार बड़ा ऐलान करने वाली है. सरकार अब सैलरी बढ़ोतरी को लेकर बड़ा फैसला कर सकती है, जिससे निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों को बंपर फायदा देखने को को मिलेगा. EPFO और कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत आने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के मासिक और मूल सैलरी की समय-सीमा में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है.

चर्चा है कि केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने इस दिशा में गंभीरता से कदम बढ़ाने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक, नई सीमा 25,000 रुपये या इससे अधिक देखने को मिल सकती है. वेतन में बढ़ोतरी होने से कर्मचारियों को कई तरफ के लाभ देखने को मिलेंगे. सबसे खास बात कि मूल वेतन में अगर इजाफा किया गया तो सेवानिवृत्ति के समय उन्हें न्यूनतम पेंशन का फायदा मिलेगा. सरकार ने दस साल पहले 6500 से 15000 रुपये की बढ़ोतरी कर दी थी.

EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में चर्चा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते शनिवार को हुई EPFO की केंद्रीय न्यासी बोर्ड की मीटिंग में इस मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है. बैठक में उपस्थित अधिकतर सदस्यों ने मूल वेतन सीमा बढ़ाने जाने को लेकर सहमति जताई है. मौजूदा समय में EPFO के तहत न्यूनतम मूल वेतन सीमा 15,000 रुपये है. कर्मचारी के वेतन से पीएफ खाते (Pf Account) के लिए 12 फीसदी अंशदान का योगदान दिया जाता है.

इतनी ही राशि कंपनी पीएफ अकाउंट में जमा हो जाती है. नियोक्ता यानी कंपनी के योगदान का 8.33 फीसदी हिस्सा पेंशन फंड (EPS) में जाता है, जबकि 3.67% पीएफ खाते (Pf Account) में जमा होता है. जल्द ही मूल सैलरी बढ़ाने की घोषणा आधिकारिक रूप से की जा सकती है.

मूल वेतन सीमा कब हुई थी बढ़ोतरी

EPFO की ओर से आखिरी बार साल 2014 में मूल वेतन सीमा बढ़ाकर 6500 से 15,000 रुपये कर दिया था. बीते 10 वर्षों में महंगाई और वेतनमान में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. इसके चलते अब इस सीमा को फिर से बढ़ाने की जरूरत महसूस हो रही है. इससे कर्मचारियों को भविष्य में ज्यादा पेंशन और पीएफ में अधिक धनराशि जमा करने का मौका मिल सकेगा.

वहीं, ESIC के तहत ग्रॉस सैलरी 21,000 रुपये के आधार पर कटौती होती है. इसके साथ ही कर्मचारी का 1.75% और नियोक्ता का 4.75% अंशदान भी शामिल किया गया है. सरकार अब ESIC के तहत ग्रॉस सैलरी की सीमा बढ़ाने पर भी मंथन कर रही है. सैलरी बढ़ने से पेंशन भी बढ़ेगी.