नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच चल रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दूसरे टेस्ट में एडिलेड में खेला गया मुकाबला क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार अनुभव साबित हुआ। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को 10 विकेट से हराया। इस जीत में मार्नस लाबुशैन और नाथन मैकस्वीनी की साहसिक बल्लेबाजी ने अहम भूमिका निभाई। गुलाबी गेंद से दूधिया रोशनी में खेलते हुए इन खिलाड़ियों ने मुश्किल हालात में जबरदस्त संयम दिखाया।

पहले दिन की रात बनी जीत की नींव

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान टिम पेन ने ‘एसईएन’ पर कहा कि पहले दिन के अंतिम सत्र में लाबुशैन और मैकस्वीनी का प्रदर्शन टेस्ट क्रिकेट का बेहतरीन उदाहरण था। जसप्रीत बुमराह की घातक गेंदबाजी के सामने इन दोनों बल्लेबाजों ने 57 रनों की साझेदारी कर टीम को मजबूती दी। पेन ने कहा, “हमें उस समय एक चैंपियन गेंदबाज (बुमराह) देखने को मिला, जो अपनी फॉर्म में था। दूसरी ओर, लाबुशैन जैसे बल्लेबाज, जो अपने करियर को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, और मैकस्वीनी जैसे युवा खिलाड़ी, जिन्होंने टीम में अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश की।”

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दबाव में थी भारतीय टीम

पहला टेस्ट मैच 295 रन से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया की जमकर आलोचना हुई थी। लेकिन एडिलेड टेस्ट में टीम ने शानदार वापसी की। मार्नस लाबुशैन ने अपने अनुभव का बखूबी इस्तेमाल किया और 87 रनों की पारी खेली, जबकि मैकस्वीनी ने 35 रन बनाकर उन्हें सहयोग दिया। इस साझेदारी ने ऑस्ट्रेलिया को मैच में बढ़त दिलाने में मदद की।

गुलाबी गेंद के सामने संघर्ष

दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से बल्लेबाजी करना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। पहले दिन के आखिरी सत्र में भारतीय गेंदबाजों ने पूरी ताकत झोंक दी थी। जसप्रीत बुमराह ने लगातार सटीक लाइन और लेंथ पर गेंदबाजी की, लेकिन लाबुशैन और मैकस्वीनी ने अपने संयम और तकनीक का परिचय देते हुए विकेट बचाए रखा।

पेन ने दी ऑस्ट्रेलियाई टीम की तारीफ

टिम पेन ने कहा, “ऑस्ट्रेलिया पर भारी दबाव था, लेकिन इस टीम ने साबित कर दिया कि वह दिग्गज टीमों में से एक है।” उन्होंने टीम के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, “ऑस्ट्रेलिया ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के अलावा लगभग हर टूर्नामेंट जीता है। अब उनकी नजरें इस ट्रॉफी को अपने नाम करने पर हैं।”

भारत के लिए चिंताजनक प्रदर्शन

भारतीय बल्लेबाजी ने दोनों पारियों में निराश किया। जहां पहली पारी में टीम सिर्फ 175 रन बना सकी, वहीं दूसरी पारी में भी 180 रन के अंदर ढेर हो गई। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर बल्लेबाज बड़ा स्कोर बनाने में नाकाम रहे।
इस मुकाबले ने ऑस्ट्रेलिया के जुझारू रवैये को दिखाया। टीम ने न सिर्फ गेंदबाजी में बल्कि बल्लेबाजी में भी सुधार किया। एडिलेड टेस्ट की इस जीत से ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज में मजबूती से वापसी की है।