नई दिल्ली: टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का रोमांच अपने चरम पर है। सीरीज अभी 1-1 की बराबरी पर है और दोनों टीमें जीत के लिए पुरजोर कोशिश कर रही हैं। लेकिन इस सीरीज का महत्व केवल भारत की जीत तक सीमित नहीं है। यह सीरीज भारतीय क्रिकेट के तीन सीनियर खिलाड़ियों – रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन – के करियर का टर्निंग पॉइंट भी हो सकती है। अगर ये खिलाड़ी इस सीरीज में प्रदर्शन करने में असफल रहते हैं, तो उनका टेस्ट करियर खतरे में पड़ सकता है।

रोहित पर अब दबाव है कि वे न केवल बल्ले से रन बनाए बल्कि अपनी कप्तानी से टीम को जीत की राह पर ले जाएं। अगर वे आगामी तीन मैचों में प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो इंग्लैंड दौरे के लिए उनका चयन मुश्किल हो सकता है।

विराट कोहली के टेस्ट करियर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह नहीं बना पाता, तो विराट के करियर पर सवाल उठ सकते हैं। यह सीरीज उनके लिए “करो या मरो” की स्थिति जैसी है।

आर अश्विन की फिरकी में अब पहले जैसी धार नहीं रही भारत के सबसे सफल स्पिनरों में शामिल आर अश्विन का प्रदर्शन अब औसत हो गया है। वे पिछली 9 पारियो में केवल 15 विकेट ले पाए है

और बल्लेबाजी करते समाया उनके बाले से सिर्फ 81 रन निकले है, जो उनके मानकों के हिसाब से बहुत कम है। 38 वर्षीय अश्विन के लिए यह सीरीज आखिरी मौका हो सकती है कि वे अपनी जगह टीम में सुनिश्चित करें। अगर वे अगले तीन मैचों में प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाते, तो यह उनका आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरा साबित हो सकता है।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले खबरें आई थीं कि चयनकर्ताओं ने सीनियर खिलाड़ियों को प्रदर्शन सुधारने का अल्टीमेटम दिया है। अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में नहीं पहुंचता है, तो इन तीन खिलाड़ियों को इंग्लैंड दौरे के लिए टीम से बाहर किया जा सकता है। भारत के लिए इस सीरीज का हर मैच निर्णायक है। यह सीरीज भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए जितनी अहम है, उतनी ही इन दिग्गज खिलाड़ियों के करियर के लिए भी।