Chanakya Niti: बात करें अगर आचार्य चाणक्य कि तो ये बात शायद सभी को ही पता है कि ये उन गुरुओं में से एक हैँ जिनके बारे में आज भी पढ़ाया जाता है। वहीं, आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन जीने के हर एक पहलुओं के बारे में खुल कर बताया है। आज भी लोग इनकी बातों पर आँख मूँद कर विश्वास कर सकते हैँ और जीवन व्यतीत करने के बारे में विचार कर सकते हैँ।
आचर्य चाणक्य ने स्त्री एवं पुरुष के स्वाभाव और व्यक्तित्व के बारे में भी कई सारी बातें बताई हैँ। ऐसे में आज हम आपको ये बतायेंगे कि स्त्री के कौन से गुण ऐसे होते हैँ जो पुरुषों से कई ज्यादा पाए जाते हैँ। ये ऐसे गुण होते हैँ जिनमें महिलाएं सदैव पुरषों से आगे ही रहती हैँ। जानते हैँ इनके बारे में।
चलिए जानते हैँ इनके बारे में:
बुद्धिस्तासां चतुर्गुणा
आचार्य चाणक्य का मानना है कि बुद्धि के मामले में महिलाएं पुरषों से कई गुना तक अधिक तेज होती हैँ। करीबन चार गुना तक महिलाओं कि बुद्धि पुरषों कि तुलना में ज्यादा तेज चलती है। इसलिए जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को महिलाएं घबराने कि जगह संभाल लेती हैँ। वहीं, महिलाएं हमेशा एक जुटता बना के चलने में भी विश्वास रखती हैँ।
साहसं षड्गुणं
आचार्य चाणक्य कहते हैँ कि भले एक पुरुष अपने आप को कितना भी वीर मानें लेकिन पुरषों के मुकाबले ये चार गुना तक अधिक साहसी होती हैँ। परन्तु वे अपने ताकत पुरुषों कि तरह बार बार नहीं दिखाती बल्कि जरूरत पड़ने पर वे दिखाती हैँ और जीत हासिल करके ही सुकून लेती हैँ। जीवन में महिला जल्दी हार नहीं मानती अगर प्लान ए काम नहीं करता तो उनके दिमाग़ में पहले से ही प्लान बी के बारे में विचार आना शुरू हो जाते हैँ।
स्त्रीणां द्विगुण आहारो
आचार्य चाणक्य का ये कहना है कि स्त्री का आहार एक पुरुष से ज्यादा होता है। इसलिए ये पुरषों से ज्यादा खाना खाती हैँ। आचार्य ने आगे इसका डिटेल में वर्णन कर के भी बताया है कि दरअसल, स्त्री कि बनावट ही ऐसी होती है कि उनके ज्यादा ऊर्जा कि आवकश्यकता पड़ती है। इसलिए स्त्री पुरुष से ज्यादा खाना खाती हैँ।