नई दिल्लीः जयपुर हादसे में 14 लोगों की जलकर दर्दनाक मौत ने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए, जिसने भी इस घटना को देखा उसके आंसू निकल आए. कुछ शव तो जलकर राख हो गए, जिनकी शिनाख्त भी कर पाना आसान नहीं रह गया है. राजस्थान सरकार ने मृतकों के परिजनों और घायलों को आर्थिक सहायता का भी ऐलान किया.

इस बीच सरकार ने शिनाख्त नहीं किए जाने वाले शवों की डीएनए टेस्ट का फैसला किया है. अग्निकांड में एक पति ने अपनी पत्नी की लाश बिछियों से पहचानी है, जिसके बाद सिर पकड़कर फूट-फूट कर रोया. मृतकों की संख्या अभी भी बढ़ सकती है, क्योंकि 30 की हालत गंभीर बताई जा रही है. सभी घायलों का अस्पताल में उपचार चल रहा है. मारे गए लोगों में राजस्थान पुलिस कान्स्टेबल अनीता मीणा भी शामिल हैं.

बिछिया से पहचाना शव

शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि अनीता मीणा के आखिरी दर्शन नहीं हो सकेंगे. जयपुर अग्निकांड में कई परिवार जलकर खाक हो गए. हंसती खेलती जिंदगी मौत के गाल में समा गई. अनीता अपने परिवार की इकलौती कमाऊ महिला थीं.

वे चैनपुरा में आरएसी की बी कम्पनी चतुर्थ बटालियन में नौकरी करती थीं. अनिता रोशनपुरा बनेडिया मौजमाबाद की रहने वाली थी. शुक्रवार सुबह ड्यूटी के लिए स्लीपर बस से दूदू से चैनपुरा के लिए रवाना हुई थीं. तभी भयावह हादसे का शिकार हो गईं.

पति ने बताया-बुरी तरह जला था मीणा का शव

मृतका के पति कन्हैया मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि सूचना के बाद अनिता को ढूंढने निकले, और अस्पताल की इमजेंसी तक आए. यहां अनीता का कोई अता पता नहीं था. इसके बाद कन्हैया मीणा अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे. एक महिला का शव देखा जो सिर से पैर तक जला हुआ था. पति की नजर जब पैरों में पहनी बिछिया पर पड़ी तो उम्मीदों की डोर टूट गई. क्योंकि यह शव उनकी ही पत्नी का था. अनीता अपने पीछे के दो छोटे बच्चे छोड़ गईं.

20 दिसंबर की घटना

जानकारी के लिए बता दें कि 20 दिसंबर की शाम जयपुर-अजमेर हाइवे पर गैस सिलेंडर से भरे टैंकर और ट्रक के बीच भयंकर भिड़ंत हो गई. भिड़ंत के बाद जोरदार धमाका हुआ. फिर चारों तरफ आग की लपटों ने सबकुछ तहस नहस कर दिया. सड़कों पर चल रहे करीब 40 वाहनों को अपनी चपेट में ले लिया.