नई दिल्लीः जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meeting) में कुछ बड़े फैसले लिए गए. अब कई कंपनियां पुराने वाहनों की सेल बड़े स्तर पर करती हैं. बिक्री पर लगने वाले टैक्स को लेकर जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council Meeting) में बड़ा निर्णय लिया गया है. शनिवार को राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी की 55वीं बैठक में चौंकाने वाला फैसला हुआ.
जीएसटी काउंसिल की बैठक में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स सहित पुराने वाहनों की की सैल पर टैक्स में बढ़ोतरी किए जाने पर सहमति बनी. अब इसे 12 फीसदी से बढ़ाकर सीधे 18 प्रतिशत कर दिया गया. जल्द ही यह दरें लागू हो जाएंगी. इससे अब सेकेंड हैंड मॉडल (Second hand) भी महंगे होने की संभावना है. जीएसटी काउंसिल में यह बड़ा फैसला माना जा रहा है.
जीएसटी की बैठक में बड़ा फैसला
बिजनेस टुडे में छपी खबर के अनुसार बदले गए जीएसटी रेट (Business) कंपनियों या फिर डीलर्स द्वारा बिक्री की गई पुरानी गाड़ियों से जुड़े लेन-देन पर लागू किए जाएंगे. हालांकि पुराने वहन बेचने या खरीदने वाले व्यक्तियों पर 12 फीसदी ही टैक्स लागू रहेगा. मतलब साफ है कि काउंसिल द्वारा ये संशोधित रेट्स बेचे जाने वाले और इससे सेक्टर में काम करने वाली कंपनियों द्वारा खरीदे जाने वाले वाहनों पर लागू होते हैं. खरीदारों पर इससे कोई असर नहीं पड़ने वाला है. टैक्स लगाने के मानक अलग-अलग रहने वाले हैं.
इंजन और लंबाई के हिसाब से लगेगा टैक्स
वहीं, हाल में रेट्स की बात करें तो 1200CC या इससे अधिक की इंजन क्षमता और 4000MM या उससे ज्यादा की लंबाई पेट्रोल LPG या CNG वाहनों के लिए 18 फीसदी, 1500 सीसी या इससे ज्यादा क्षमता और 4000 मिमी या इससे अधिक लंबाई वाले डीजल वाहनों पर 18 टैक्स लगाया जाएगा. जीएसटी काउंसिल में लिए गए फैसले की मानें तो इलेक्ट्रिक वाहन 12 फीसदी टैक्स वाले वाहन 18 फीसदी के ब्रेकेट पर शामिल रहने वाले हैं.
वहीं, नए ईवी व्हीकल (EV Vehicle) पर अभी 5 फीसदी जीएसटी लगता है, ताकि इस सेक्टर में ग्रोथ लाई जा सके, लेकिन अब पुरानी इलेक्ट्रिक कारों की रि-सेल पर 18% जीएसटी लगेगी. इससे सेकेंड-हैंड ईवी ग्राहकों के बीच इसका आकर्षण कम हो सकता है.