Gemology: बात करें रत्न शास्त्र कि तो इसमें सभी नौ रत्नो के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें नौ रत्न के बारे में भी काफी सारी बातें बताई गई हैँ कि किस ग्रह को कौन सा रत्न सूट करता है और कौन से रत्न को धारण करने से जीवन कि समस्याएं दूर हो जाती हैँ। रत्न दोनों ही तरीके के साबित हो सकते हैँ जैसे कि अगर ये फल जाए तो सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
इसलिए रत्न को सदैव ज्योतिष कि सलाह से ही धारण करना चाहिए क्युंकि सकारात्मक प्रभाव ही देखने को मिले और हर प्रकार के नकारात्मकता से आप लोग दूर रहें। वहीं, ज्योतिष शास्त्र कि मानें तो ग्रहो समेत नक्षत्र कि स्थिति न होने कि वजह से व्यक्ति को शादी करने में कई तरह कि दिक्क़तों और समस्यायों का सामना भी करना पड़ सकता है।
ऐसे में रत्न शास्त्र में कुछ खास तरह के रत्नो के बारे में बताया गया है, कि यदि आपकी शादी नहीं हो रही हो, तो इन्हें धारण कर सकते हैँ। कहा जाता है कि कुछ विशेष रत्न ऐसे होते हैँ जिन्हें धारण करने से जीवन में आने वाली सारी समस्याएं जड़ से खत्म हो जाती हैँ।
मोती रत्न
जिन पुरुष या स्त्री कि शादी में अड़चन या दिक्कत आ रही है तो उन्हें मोती रत्न धारण करने कि सलाह दी जाती है।
हीरा रत्न
यदि आपकी कुंडली में शुक्र कि स्थिति ठीक न हो तो विवाह में ढेर सारी समस्याएं और दिक्क़तें आ सकती हैँ। ऐसे में ही हीरा रत्न को पहनने कि सलाह दि जाती है। इस रत्न को धारण करते ही विवाह से जुड़ी सभी समस्याएं और दिक्क़तें दूर हो जाती हैँ।
पुखराज रत्न
जिन भी महिलाओं कि शादी नहीं हो पा रही हो उन्हें पुखराज को जरूर धारण करना चाहिए। ये बहुत ही ज्यादा शुभ और फालदायी रत्न माना जाता है।
नीलम रत्न
शनि कि स्वामित्व वाली मकर और कुम्भ राशि के जातकों को नीलम रत्न धारण करने कि सलाह दी जाती है। ये रत्न बहुत ही ज्यादा सौभाग्य बढ़ाने वाला होता है, जिसे भी भा जाए।