नई दिल्ली: टीम इंडिया के विकेटकीपर और विस्फोटक बल्लेबाज संजू सैमसन ने हैदराबाद में 12 अक्टूबर को बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए तीसरे टी20 मैच में धमाकेदार प्रदर्शन किया। इस मैच में संजू सैमसन ने महज 40 गेंदों में अपना शतक पूरा किया और भारतीय क्रिकेट में टी20 इंटरनेशनल में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे खिलाड़ी बन गए। यह शानदार पारी सैमसन के करियर में बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई, क्योंकि इससे पहले कई लोगों ने उनके करियर को लेकर सवाल उठाए थे। संजू सैमसन ने इस शतक के जरिए टीम मैनेजमेंट और फैंस का भरोसा जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

उम्मीदों से भरी पारी

संजू सैमसन ने अपनी पारी की शुरुआत बेहद आक्रामक तरीके से की। शुरूआती ओवरों से ही वे बांग्लादेशी गेंदबाजों पर हावी हो गए और चौकों-छक्कों की बौछार कर दी। 40 गेंदों में शतक पूरा कर सैमसन ने क्रिकेट प्रेमियों को अपने खेल का दीवाना बना दिया। यह पारी इसलिए भी खास रही क्योंकि पिछली सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ सैमसन का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने खुद इस बात को स्वीकार किया कि दो बार शून्य पर आउट होने के बाद उन्हें लगा था कि शायद टीम इंडिया के लिए आगे खेलने का मौका नहीं मिलेगा।

टीम का भरोसा और समर्थन

संजू सैमसन ने अपने शानदार प्रदर्शन के बाद टीम मैनेजमेंट का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि टीम के कप्तान सूर्या और कोच गौतम गंभीर ने हर स्थिति में उनका समर्थन किया और यह भरोसा दिलाया कि उन्हें लगातार मौके मिलेंगे। उन्होंने कहा, “कप्तान और कोच ने मुझे हर परिस्थिति में समर्थन दिया है। उन्होंने मुझे भरोसा दिलाया कि चाहे कुछ भी हो, मैं टीम में बना रहूंगा।”

संजू सैमसन की तैयारी का राज

संजू सैमसन ने अपनी पारी की तैयारी को लेकर भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि उन्हें सीरीज से तीन सप्ताह पहले ही यह सूचना दी गई थी कि वे इस सीरीज में ओपनिंग करेंगे। इससे उन्हें अपनी तैयारी को और बेहतर करने का मौका मिला। सैमसन ने कहा, “जब मुझे यह बताया गया कि मैं ओपनिंग करूंगा, तो मैंने आरआर एकेडमी में जाकर नई गेंदों के खिलाफ खेलने का अभ्यास किया। इससे मेरी तैयारी और बेहतर हो गई और मुझे इस सीरीज में 10% अधिक तैयारी के साथ मैदान में उतरने का मौका मिला।”