नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा, जो फिलहाल टीम इंडिया से बाहर हैं, एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। पिछले कुछ समय से उन्हें टीम में जगह नहीं मिल पाई, लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनके हालिया प्रदर्शन ने उनकी वापसी की उम्मीदों को फिर से जगा दिया है। छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेले गए एलीट ग्रुप डी मैच में पुजारा ने 383 गेंदों पर 234 रन की दमदार पारी खेली, जिसमें 25 चौके और एक छक्का शामिल था।

चेतेश्वर पुजारा का नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे ज्यादा दोहरे शतक लगाने वाले बल्लेबाजों की सूची में चौथे स्थान पर आ गया है। इस लिस्ट में दिग्गज ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन का नाम सबसे ऊपर है, जिन्होंने 37 दोहरे शतक लगाए थे। पुजारा के नाम अब 18 दोहरे शतक हो गए हैं और उन्होंने एक बार फिर साबित किया कि उनकी बल्लेबाजी में अभी भी दम है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पुजारा का रिकॉर्ड

चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है। उन्होंने अब तक ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 25 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें 49.38 की औसत से 2074 रन बनाए हैं। पुजारा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन बनाने वाले पांच भारतीय बल्लेबाजों में शामिल हैं। इससे पता चलता है कि पुजारा की बल्लेबाजी कंगारू टीम के खिलाफ हमेशा से ही मजबूत रही है।

पुजारा के रणजी ट्रॉफी में दमदार प्रदर्शन ने उनकी वापसी की उम्मीदों को जिंदा कर दिया है। हालांकि, भारतीय टीम में उनकी जगह बनाना आसान नहीं होगा, क्योंकि टीम में कई युवा खिलाड़ी बेहतरीन फॉर्म में हैं। लेकिन उनकी अनुभव और स्थिरता को नजरअंदाज करना भी मुश्किल होगा, खासकर तब जब टेस्ट क्रिकेट की बात हो।

टेस्ट क्रिकेट अब पहले जैसा नहीं रहा, जहां बल्लेबाजों को टिकने के लिए अधिक समय मिलता था। पुजारा का धीमा खेलने का तरीका टीम की मौजूदा रणनीति से मेल नहीं खाता। भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा है, खासकर मिडिल ऑर्डर में। इसलिए पुजारा के लिए टीम में वापसी की राह कठिन दिख रही है।

चेतेश्वर पुजारा का अनुभव भारतीय टेस्ट टीम के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है, खासकर विदेशी दौरों में जहां अनुभव का बहुत बड़ा रोल होता है। पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड जैसी टीमों के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया है और उनकी तकनीकी कुशलता विदेशी पिचों पर टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।

पुजारा को अपनी जगह पक्की करने के लिए घरेलू क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते रहना होगा। रणजी ट्रॉफी में उनका दोहरा शतक यह साबित करता है कि वह अभी भी हाई लेवल पर खेलने की क्षमता रखते हैं। भारतीय टीम में उनकी वापसी संभव हो सकती है, लेकिन इसके लिए उन्हें अपने खेल में और निखार लाना होगा।