Vastu Tips For Main Gate: वास्तु के अनुसार यदि देखें तो एक नहीं बल्कि कई ऐसे कारण हैँ जिन वजहों से आप वास्तु दोष का शिकार हो सकते हैँ।
यहाँ तक कि घर में रखी छोटी से छोटी चीज अगर उचित स्थान और सही दिशा कि ओर नहीं रखी है तो भी वास्तु दोष कि बड़ी वजह बन सकती है। लेकिन सबसे ज्यादा मुख्य बात है कि घर के मुख्य दरवाजे से आप पता लगा सकते हैँ कि ये आपके जीवन को किस तरह से प्रभावित कर सकता है। साथ ही किस दिशा कि ओर मुख्य दरवाजों का होना शुभ होता है या अशुभ।
पूर्व दिशा कि ओर मुख्य दरवाजे का होना
दरअसल, पूर्व दिशा में ही सूर्य भगवान जी उगते हैँ और अपना प्रकाश फैलाते हैँ, इसलिए वास्तु शास्त्र में इस दिशा को बहुत ही ज्यादा अच्छा और शुभ माना जाता है। इस दिशा कि ओर यदि आपका दरवाजा है तो कई तरह के सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैँ। पूर्व दिशा कि ओर दरवाजा होने से आपकी किस्मत भी चमकेगी साथ ही ये दिशा हर तरह के नकारात्मक ऊर्जाओं को भी दूर कर देता है। ये दिशा बहुत ही ज्यादा आध्यात्मिक भी मानी जाती है। इसलिए घर में पूर्व दिशा का होना अत्यन्त शुभ होता है।
दक्षिण दिशा कि ओर मुख्य दरवाजा होना
दक्षिण दिशा कि ओर दरवाजा होना बिलकुल भी शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल, वास्तु के अनुसार भी देखें तो ये दिशा यम कि है। अगर इस दिशा कि ओर घर का मुख्य दरवाजा है तो व्यक्ति को कई तरह कि कठनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही घर के मुखिया के जीवन में लगातार कुछ न कुछ नकारात्मक चीजें अक्सर होती ही रहती हैँ। इसलिए वास्तु के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा कभी भी दक्षिण दिशा कि ओर नहीं होना चाहिए। अगर मुख्य दरवाजे में हनुमान जी कि तस्वीर को लगा देते हैँ तो सभी समस्याओं से निजात पा सकते हैँ।
पश्चिम दिशा कि ओर मुख्य दरवाजे का होना
पश्चिम दिशा कि ओर मुख्य दरवाजे का होना भी मिली जुले फल प्रदान करता है। व्यक्ति जीवन में आगे तो बढ़ सकता है परन्तु उसे छोटी मोती समस्यायों का सामना बस करना पड़ सकता है। वहीं, इसलिए तरह के व्यक्ति एक बार अगर आगे निकल जाते हैँ तो जीवन भर पीछे मुड़ के कभी नहीं देखते हैँ।
उत्तर दिशा कि ओर मुख्य दरवाजे का होना
उत्तर दिशा कि ओर मुख्य दरवाजे का होना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। दरअसल, उत्तर कि दिशा देवताओं कि दिशा होती है। ऐसे में इस दिशा में मुख्य दरवाजे के होने से जीवन भर कि समस्याएं जड़ से खत्म हो जाती हैँ। इसके अलावा व्यक्ति कि बौद्धिक क्षमता भी दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है।