नई दिल्ली: न्यूज़ीलैंड ने भारतीय धरती पर पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतकर इतिहास रच दिया। दूसरे टेस्ट में भारत को 113 रन से हराकर न्यूज़ीलैंड ने 2-0 की अजेय बढ़त बनाई, जिससे भारतीय टीम का 12 साल और 18 सीरीज़ में घरेलू जीत का रिकॉर्ड टूट गया। कप्तान टॉम लैथम ने टीम की इस ऐतिहासिक जीत के लिए टॉस और भारतीय टीम पर शुरू में बनाए गए दबाव को महत्वपूर्ण बताया। न्यूज़ीलैंड का यह प्रदर्शन वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण रहा।

न्यूज़ीलैंड ने भारत के खिलाफ एक आक्रामक शैली अपनाई, जिसमें उन्होंने भारत के बल्लेबाजों को शुरुआत से ही दबाव में रखा। लैथम ने कहा कि भारत पर शुरू से हावी रहना और टॉस के फैसले का उनके पक्ष में होना टीम की जीत के बड़े कारकों में से एक था। टॉम लैथम की कप्तानी में टीम ने पहले टॉस जीतकर बल्लेबाजी चुनी, जिससे गेंदबाजों को चौथे और पांचवे दिन पिच से मदद मिली। भारतीय टीम के पास इन अनुकूल परिस्थितियों का जवाब देने की रणनीति नहीं थी।

दूसरे टेस्ट में मिशेल सेंटनर ने अपनी बेजोड़ गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया। सेंटनर ने अकेले दम पर 13 विकेट लेकर भारत की मजबूत बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। चेन्नई सुपर किंग्स के साथ लंबे समय से खेलने वाले सेंटनर का भारतीय परिस्थितियों में अनुभव टीम के लिए वरदान साबित हुआ। कप्तान लैथम ने सेंटनर की जमकर तारीफ की और कहा कि उनकी गेंदबाजी ने जीत में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने पिच का सही उपयोग कर भारतीय बल्लेबाजों को अपने स्पिन के जाल में फंसाया।

भारतीय टीम की बल्लेबाजी दोनों टेस्ट मैचों में बिखरी हुई दिखी। पहले टेस्ट में भारतीय टीम 46 रनों पर ऑलआउट हो गई, जिससे न्यूज़ीलैंड को शुरुआती बढ़त मिली। दूसरे टेस्ट में भी भारतीय बल्लेबाज एकजुट प्रदर्शन नहीं कर सके। कप्तान रोहित शर्मा ने माना कि टीम की बल्लेबाजी योजना और साझेदारी कमजोर रही। उनका कहना था कि टीम को अधिक मजबूत रणनीति बनानी चाहिए और इन घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाना चाहिए था।

रोहित शर्मा बोले “हमने वैसे बल्लेबाजी नहीं की जैसी करनी चाहिए थी। न्यूज़ीलैंड ने हमसे बेहतर खेल दिखाया और यह हार हमारे लिए एक सीख है।”

पिछले 12 सालों में भारत ने घरेलू मैदान पर टेस्ट सीरीज़ नहीं हारी थी। यह सीरीज़ हारते ही भारत का यह गौरवमयी रिकॉर्ड टूट गया। भारतीय टीम का घरेलू रिकॉर्ड अब दबाव में आ गया है, और आगामी सीरीज़ में उन्हें अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी होगी। न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस हार से टीम इंडिया की वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में स्थिति पर भी प्रभाव पड़ा है, और फाइनल में पहुँचने के लिए अब हर मैच में जीत की दरकार है।

भारत के खिलाफ सीरीज़ जीतकर न्यूज़ीलैंड ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की रैंकिंग में बड़ी छलांग लगाई है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप अंक तालिका में न्यूज़ीलैंड चौथे स्थान पर पहुँच गया है, जबकि भारतीय टीम अभी भी टॉप पर बनी हुई है। हालांकि, भारत को अपनी जगह बनाए रखने के लिए आगामी मैचों में जीतना होगा।