PMAY: प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की अवधि अब 31 दिसंबर 2024 तक बढ़ा दी गई है। इस योजना का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को पक्के मकान उपलब्ध कराना है।
योजना की मुख्य जानकारी:
1. योजना का दायरा:
सभी वैधानिक नगर (2011 की जनगणना और उसके बाद अधिसूचित क्षेत्र)।
चार घटकों में योजना लागू है:
बेनेफिशियरी-लेड कंस्ट्रक्शन (BLC)
अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP)
इन-सिटू स्लम रिडेवलपमेंट (ISSR)
क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS)।
2. सरकारी सहायता:
2015 से अब तक ₹2.03 लाख करोड़ मंजूर किए गए हैं।
मार्च 2022 तक ₹1.18 लाख करोड़ जारी हुए, और दिसंबर 2024 तक ₹85,406 करोड़ और जारी किए जाएंगे।
3. वर्तमान प्रगति:
कुल 123 लाख घर स्वीकृत, जिनमें से 62 लाख पूरे हो चुके हैं।
102 लाख घर निर्माणाधीन हैं, जिन्हें योजना की बढ़ी अवधि में पूरा किया जाएगा।
योजना का लाभ कैसे लें:
आवेदन स्थानीय नगर निकायों के माध्यम से किया जा सकता है।
पात्रता और दस्तावेज़ों की जानकारी स्थानीय अधिकारियों से ली जा सकती है।
इस योजना का उद्देश्य गरीब और बेघर लोगों को किफायती आवास देना है। अधिक जानकारी के लिए आप आधिकारिक वेबसाइट या अपने क्षेत्र के नगर निकाय से संपर्क कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) (PMAY-U) का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को 2024 तक पक्के घर उपलब्ध कराना है। यह योजना चार घटकों के माध्यम से लागू होती है और इसे केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर सहायता प्रदान की जाती है। योजना की अवधि को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
मुख्य विशेषताएं:
1. लाभार्थियों की पात्रता (Eligibility):
आर्थिक वर्ग:
ईडब्ल्यूएस (EWS): वार्षिक आय ₹3 लाख तक।
एलआईजी (LIG): वार्षिक आय ₹3-6 लाख।
एमआईजी-I: वार्षिक आय ₹6-12 लाख।
एमआईजी-II: वार्षिक आय ₹12-18 लाख।
झुग्गीवासियों को भी योजना के तहत लाभ मिलेगा।
लाभार्थी परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बच्चे शामिल हैं।
2. योजना के चार घटक:
1. क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (CLSS):
होम लोन पर ब्याज सब्सिडी:
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी: 6.5% ब्याज सब्सिडी।
एमआईजी-I: 4% ब्याज सब्सिडी।
एमआईजी-II: 3% ब्याज सब्सिडी।
अधिकतम लोन राशि: ₹6 लाख से ₹12 लाख (आय वर्ग के आधार पर)
2. इन-सिटू स्लम रिडेवलपमेंट (ISSR):
स्लम क्षेत्रों का पुनर्विकास।
निजी डेवलपर्स की साझेदारी के साथ।
3. अफोर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप (AHP):
केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में किफायती मकान।
4. बेनेफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन (BLC):
लाभार्थियों को नए मकान बनाने या पुराने मकान की मरम्मत के लिए वित्तीय सहायता।
3. सहायता राशि:
ईडब्ल्यूएस और एलआईजी के लिए: ₹2.5 लाख तक की सब्सिडी।
एमआईजी-I और एमआईजी-II के लिए: ₹2.35 लाख तक की सब्सिडी।
निर्माण/मरम्मत के लिए केंद्र सरकार से ₹1.5 लाख की सहायता।
4. योजना की अवधि:
योजना की शुरुआत: 25 जून 2015।
नई समय सीमा: 31 दिसंबर 2024।
5. आवेदन की प्रक्रिया:
1. ऑनलाइन आवेदन:
PMAY-U आधिकारिक वेबसाइट पर पंजीकरण करें।
2. सीएससी केंद्र के माध्यम से:
₹25 शुल्क के साथ पंजीकरण करें।
3. दस्तावेज़:
आधार कार्ड।
आय प्रमाण पत्र।
बैंक खाता विवरण।
संपत्ति के कागजात।
6. अब तक की प्रगति:
कुल 123 लाख घर स्वीकृत, जिनमें से 62 लाख घर पूरे हो चुके हैं।
योजना की शेष अवधि में निर्माणाधीन 102 लाख घरों को पूरा करने का लक्ष्य है।