Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा जिसे देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा को लेकर ये कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति गंगा जी स्नान कर लेता है, उसके जीवन में भूल से होने वाले पाप माफ़ हो जाते हैँ। साथ ही माँ गंगा जी का आशीर्वाद सदैव उसके ऊपर बना रहता है। गंगा जी में स्नान के अलावा इस दिन दीप दान करना भी शुभ होता है। वहीं, पूर्णिमा के विशेष अवसर में माँ लक्ष्मी जी कि पूजा करने का विधि विधान है।
मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी जी कि पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा करने से सदैव माँ लक्ष्मी जी को आशीर्वाद कि प्राप्ति होती है। न केवल आर्थिक समस्याएं दूर होती हैँ बल्कि व्यक्ति को जीवन भर कभी भी सेहत से जुड़ी दिक्क़तें नहीं होती हैँ।
ऐसे में जानते हैँ कि 15 नवंबर यानि कि आज के दिन क्या है कार्तिक पूर्णिमा में पूजा करने का खास और शुभ मुहूर्त, विधि विधान सहित।
आप सुबह से लेकर के शाम के समय तक कभी भी बीच में कर सकते हैँ पूजा
चर : सामान्य 06:44 एएम से 08:04 एएम
लाभ: उन्नति 08:04 एएम से 9:25 एएम
अमृत: सर्वोतम 09:25 एएम से 10:46 एएम
शुभ: उत्तम 12:06 पीएम से 1:26 पीएम
चर: सामान्य 04:07 पीएम से 05:27 पीएम
लाभ: उन्नति 08:47 पीएम से 10:26 पीएम कि रात तक
कार्तिक पूजा के दिन इस विधि विधान से करें पूजा
आज माँ गंगा जी का स्नान करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। अगर स्नान करने नहीं जा पा रहे हैँ तो पानी में गंगा ज़ल को मिला के नहाएं।
इसके बाद माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद लें और भगवान विष्णु जी और सूर्य देव में ज़लाभिषेक करें।
माँ लक्ष्मी जी को भी जलाभिषेक करने के पश्चात पंचामृत से अभिषेक करें।
भगवान विष्णु जी में लाल और पीले रंग के फूलों को चढ़ाएं। साथ ही माँ लक्ष्मी जी में पीले रंग के फूलों को चढ़ाकर श्रृंगार का सामान भी अर्पित करें।
अब मंदिर में घी के दीपक को जलाएं।
अपनी इच्छानुसार आज के दिन व्रत भी रख सकते हैँ।
फिर कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत के कथा का पाठ करें।
श्रद्धा भाव के साथ माँ लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु जी कि पूजा करें।
अंत में भगवान को भोग लगा दें।
उपाय:
माँ लक्ष्मी को प्रशन्न करने के लिए आज पूर्णिमा के दिन माँ लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।