नई दिल्लीः प्राइवेट जॉब (private job) करते हुए आपका पीएफ (pf) कट रहा है तो फिर यह खबर बड़े ही काम की होगी. जब से केंद्र सरकार ने यूपीएस (ups) को मंजूरी दी तभी से निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों ने न्यूनतम बेसिक सैलरी को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये करने की मांग कर दी है. सरकार ईपीएफ (epf) वेतन सीमा को बढ़ाकर 21,000 रुपये कर देती है तो फिर कर्मचारियों को बंपर फायदा देखने को मिलेगा.
चर्चा है कि सरकार नए पर ईपीएफओ (epfo) के तहत वेतन सीमा में बढ़ोतरी करने का ऐलान कर सकती है. हालांकि, अभी सरकार की तरफ से इस पर कुछ नहीं कहा गया है. सैलरी लिमिट बढ़ने से कई तरह के फायदे देखने को मिलेंगे.
सैलरी की सीमा बढ़ने से क्या होगा फायदा
सरकार की तरफ से यह बदलाव किया जाता है तो केवल कर्मचारियों के ईपीएफ और ईपीएस (epf-eps) योगदान पर किसी तरह का असर नहीं पड़ने वाला है. इससे पीएफ कर्मचारियों को रिटायरमेंट बाद मिलने वाली पेंशन की राशि में इजाफा देखा जा सकता है. उन्हें ईपीएफओ (epfo) की विभिन्न सुविधाओं का फायदा देखने को मिलेगा, जो किसी गुड न्यूज की तरह होगा.
इसके साथ ही अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपये से ज्यादा है तो फिर ईपीएस (eps) का हिस्सा नहीं बन सकेगा.अगर सरकार ईपीएफ (epf) की बेसिक सैलरी को 21 हजार रुपये कर देती है तो जिन कर्मियों का वेतन 15000 से ज्यादा है वे इपीएस योजना का फायदा प्राप्त कर सकते हैं. इसका अर्थ की कर्मचारी ईपीएस के तहत पेंशन पाने के पात्र माने जाएंगे.
कितनी बढ़ेगी सैलरी?
किसी कर्मचारी की सैलरी 15000 रुपये तक है तो 8.33 फीसदी का योगदान ईपीएस (eps) में 1250 रुयपे तक किया जाता है. बाकी पैसा ईपीएफ अकाउंट (epf account) में ट्रांसफर हो जाता है. इसके अलावा अगर किसी कर्मचारी का वेतन 21000 रुपये हो जाता है तो ईपीएस में 1,749 रुपये तक योगदान किया जाता है. इससे ईपीएफ में जमा होने वाली रकम कम होगी.
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पीएफ कर्मचारियों की संख्या की बात करें तो करीब 6.5 करोड़ है. सरकार इन सभी कर्मचारियों को हर साल ब्याज का लाभ देती है. ब्याज का फायदा ईपीएफ खाते में जमा राशि के आधार पर दिया जाता है.