Vastu Tips: ऐसा कहा जाता है कि पितृ दो तरह के होते हैँ, एक तो वो गुरु के द्वारा शाषित होते हैँ और कुछ शनि के द्वारा शाषित होते हैँ। शनि को वहीं एक बहुत ही ज्यादा पावरफुल और शक्तिशाली ग्रह माना गया है। ये किसी भी तरह से आपके पेत्री में प्रवेश करने पर तक़रीबन हर किसी को प्रभावित करता है। शनि एक बहुत ही ज्यादा धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। ये लगभग ढाई वर्षों में धीमी गति से चलने वाला प्लेनेट होता है।

इसलिए ज़ब भी ये हमें प्रभावित करता है तो बहुत ही ज्यादा धैर्य रखने कि जरूरत होती है। आइए समाधानों को समझने से पहले इसे बेहतर तरीके से समझते हैँ।

दरअसल, शनि ग्रह को न्यायधीश और डंडक ग्रह माना गया है। शनि का ध्यान आपके कार्यों और इरादों पर है। ये दिखाता है कि आप अपने व्यवहार में कितने ईमानदार, न्यायप्रिय और धर्मी हैँ। ऐसे में अगर आप अच्छे काम करते हैँ तो शनि आपको आशीर्वाद देते हैँ। वहीं, शनि को गलत और झूठ बोलने वाले लोग पसंद बिलकुल नहीं होते हैँ।

शनि एक तरह से शिक्षक भी जो आपको कठिन दंड देकर सही मार्ग पर लेकर आता है। शनि तब तक ऐसी स्थितियां उतपन्न करता रहता है, ज़ब तक व्यक्ति कि सीख पूरी नहीं होती है।

शनि हमें दरअसल सीखना चाहते हैँ कि हमारे कई एक्शन से दूसरों को नुकसान पहुँचाता है। इसलिए ज़ब तक हम दूसरों के दुखों को समझ नहीं पाते हैँ तब तक कोई न कोई सबक वो हमें सिखाता ही रहता है।

शनि कि खास बात ये है कि ये धैर्यता भी सिखाता है। ये व्यक्ति को ऐसे परिस्थिति में डाल देगा जहाँ थक हार के व्यक्ति को धैर्य का हाथ पकड़ना ही पड़ेगा। शनि वहीं ऐसे लोगों को बहुत ही ज्यादा सम्मान करता है जो व्यक्ति सबके साथ सामान व्यवहार करते हैँ।

ये उपाय आएंगे काम:

शनि के प्रभाव को कम करने के लिए मांगलवार के दिन पूजा करना और मंदिर जाना शुरू कर दें। इसके अलावा हनुमान चालीसा का रोजाना पाठ भी आरम्भ कर दें।

यदि आप विकलांग व्यक्ति कि सेवा करते हैँ तो भी शनि देव जी को बहुत ही ज्यादा पसंद होता है। 

समय समय पर जरूरत मंद लोगों कि मदद करते रहें। क्युंकि शनि देव जी को दान करना बहुत ही ज्यादा पसंद है।