नई दिल्लीः सरकार ने जब से UPS योजना को मंजूरी दी है, जिसके बाद कर्मचारियों और पेंशनर्स के चेहरे पर काफी उत्साह देखने को मिला. इसके बाद से पीएफ कर्मचारी (Pf Emoloyee) भी रिटायरमेंट के बाद पेंशन (Pension) राशि भी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. पीएफ कर्मचारी (PF Employee) संगठन की की तरफ से अब रिटायरमेंट के बाद मिनिमम पेंशन 9,000 रुपये करने की मांग कर रहे हैं.
सरकार की तरफ से अभी किसी तरह का आश्वासन नहीं दिया है. उम्मीद है कि सरकार की तरफ से यह फैसला अगले साल की शुरुआत में लिया जा सकता है. इससे किसी तरह की दिक्कत नहीं होने वाली है. अगर पेंशन (Pension) राशि को बढ़ाया गया तो फिर किसी वरदान की तरह होगा.
पेंशन को लेकर कमेटी कर रही बड़ी मांग
पीएफ कर्मचारियों (PF Employee) की अब जल्द ही मौज आने वाली है. इससे पहले जुलाई में पेंशनर्स के संगठन ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी ने मिनिमम पेंशन 7,500 रुपये करने मांग की थी. ईपीएस-95 नेशनल एजिटेशन कमेटी का मुख्याल महाराष्ट्र में है. कमेटी में करीब 78 लाख रिटायर्ड पेंशनर्स और इंडस्ट्रियल सेक्टर के 7.5 करोड़ कार्यरत कर्मचारी शामिल रहेंगे.
यह पेंशन राशि किसी बड़ी सौगात की तरह होंगे. वहीं, सितंबर 2014 में केंद्र सरकार (Central Employee) ने कर्मचारी पेंशन स्कीम के तहत पेंशनरों के लिए न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) राशि 1,000 रुपये प्रति महीने ऐलान किया था. चेन्नई ईपीएफ पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने 9,000 रुपये करने की मांग की है, जिसे लेकर अभी सरकार ने पत्ते नहीं खोले हैं.
कैसे तैयार होती है पेंशन?
जानकारी के लिए बता दें कि कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा यानी 12 फीसदी पीएफ खाते में जमा होता है. जबकि कंपनी का योगदान दो भागों में बांटने का काम किया जाता है. इसमें 8.33 प्रतिशत हिस्सा एम्पलाइज पेंशन स्कीम (EPS) यानी पेंशन फंड में जमा रहता है. 3.67 फीसदी हिस्सा एम्पलाइज प्रॉविडेंट फंड यानी ईपीएफ (EPF) में जाता है.
इसके बाद फिर पेंशन तैयार होती है. पेंशन का फायदा उसी कर्मचारी को मिलेगा जिसने मिनिमम 10 साल सर्विस की हो. अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल से कम सर्विस की है तो फिर पेंशन का फायदा नहीं मिल सकेगा. भारत में करीब 7 करोड़ पीएफ कर्मचारियों की संख्या है.