Delhi News: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पांचवीं तक के स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। यह कदम दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण बच्चों और आम लोगों की सेहत को बचाने के लिए उठाया गया है।
फैसले के मुख्य बिंदु:
1. स्कूलों की बंदी: दिल्ली में अब पाँचवीं तक के स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। यह निर्णय हवा में मौजूद खतरनाक प्रदूषकों के स्तर को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकते हैं।
2. प्रदूषण का स्तर: दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बहुत बढ़ गया है, और यह स्थिति “खतरनाक” स्तर पर पहुंच चुकी है, जिसके कारण सरकार को यह निर्णय लेने की आवश्यकता महसूस हुई।
3. बच्चों की सेहत: बच्चों को प्रदूषण के कारण सांस लेने में समस्या हो सकती है, और इससे श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। इस कदम से बच्चों को स्वास्थ्य जोखिम से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
4. पेरेंट्स को सूचित किया गया: दिल्ली सरकार ने सभी पेरेंट्स से अनुरोध किया है कि वे बच्चों को घर पर ही रखें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
क्या किया जाएगा:
स्कूलों में अन्य गतिविधियों, जैसे परीक्षा और कक्षाएं, ऑनलाइन माध्यम से चलाने का सुझाव दिया जा सकता है।
वायु गुणवत्ता में सुधार होने के बाद, स्कूलों को फिर से खोला जाएगा।
यह निर्णय दिल्ली में प्रदूषण से होने वाली समस्याओं को कम करने के लिए लिया गया है और इसके माध्यम से सरकार बच्चों और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा करने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली-एनसीआर के लिए जीआरएपी को वायु गुणवत्ता के चार चरणों में विभाजित किया गया है – चरण 1 201 से 300 के बीच “खराब” वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए है, चरण 2 “बहुत खराब” एक्यूआई (301-400) के लिए है, चरण 3 “गंभीर” एक्यूआई (401-450) के लिए है और चरण 4 “बहुत गंभीर” एक्यूआई (450 से ऊपर) के लिए है।