Personal loan: ओवरड्राफ्ट (OD) और पर्सनल लोन दोनों ही वित्तीय उत्पाद हैं, जो आपको जरूरत के समय पैसे उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। ओवरड्राफ्ट पर्सनल लोन से ज्यादा स्मार्ट हो सकता है, खासकर यदि आप कुछ विशेष परिस्थितियों में इसका सही तरीके से उपयोग करें।
ओवरड्राफ्ट और पर्सनल लोन के बीच अंतर:
1. ओवरड्राफ्ट:
क्लेम: ओवरड्राफ्ट एक प्रकार का ऋण है, जो आपके बैंक खाते में पहले से मौजूद राशि के ऊपर एक निश्चित सीमा तक उपलब्ध होता है।
ब्याज दर: ओवरड्राफ्ट पर ब्याज सिर्फ उस राशि पर लगता है, जो आपने सीमा के ऊपर निकाली है, और यह ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में कम हो सकती है।
लचीलेपन: ओवरड्राफ्ट आपको बिना किसी तय EMI के जरूरत के अनुसार पैसे निकालने की सुविधा देता है, और आप जितनी जल्दी चुकता करेंगे, उतनी जल्दी ब्याज की राशि कम होगी।
पुनः उपयोग: एक बार ओवरड्राफ्ट की राशि चुकता करने के बाद, आपको फिर से वही राशि बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रिया के पुनः उपलब्ध हो जाती है।
2. पर्सनल लोन:
क्लेम: पर्सनल लोन एक निश्चित राशि का लोन होता है, जो बैंक द्वारा आपको दी जाती है और आपको इसे एक तय समय सीमा के भीतर EMI के रूप में चुकता करना होता है।
ब्याज दर: पर्सनल लोन की ब्याज दर ओवरड्राफ्ट से ज्यादा हो सकती है।
फिक्स्ड EMI: पर्सनल लोन में आपको हर महीने समान EMI भरनी होती है, चाहे आप जितनी भी राशि खर्च करें।
निश्चित राशि: लोन की राशि निर्धारित होती है और आप उसे अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च कर सकते हैं।
ओवरड्राफ्ट का अधिकतम लाभ कैसे उठाएं?
1. ब्याज पर नियंत्रण: ओवरड्राफ्ट में आपको केवल उतनी राशि पर ब्याज देना होता है, जितना आपने निकाला है। यदि आप जल्दी चुकता करते हैं, तो ब्याज कम लगेगा। इसका मतलब है कि यदि आपके पास अत्यधिक खर्च की आवश्यकता नहीं है, तो ओवरड्राफ्ट एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
2. लचीलापन: ओवरड्राफ्ट में आपको पैसे निकालने और चुकता करने की पूरी स्वतंत्रता मिलती है। यह खासकर उन लोगों के लिए अच्छा है जिनकी आय अस्थिर होती है या जिन्हें तत्काल धन की आवश्यकता होती है।
3. कम ब्याज दर: ओवरड्राफ्ट के ब्याज दर पर्सनल लोन की तुलना में कम होते हैं। इससे अगर आप कम समय में पैसे चुकता करते हैं, तो ब्याज का भुगतान कम होगा।
4. एक्सेसिबिलिटी: ओवरड्राफ्ट खाते में बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रिया के पैसे तुरंत उपलब्ध हो जाते हैं, जबकि पर्सनल लोन में आवेदन और अप्रूवल की प्रक्रिया ज्यादा समय ले सकती है।
5. लंबे समय तक एक्सेस: ओवरड्राफ्ट की सीमा एक बार सेट हो जाने के बाद, आप इसे बार-बार उपयोग कर सकते हैं, जबकि पर्सनल लोन का भुगतान पूरी तरह से करने के बाद आपको फिर से एक नया लोन लेना होगा।
कब पर्सनल लोन बेहतर हो सकता है?
फिक्स्ड खर्च: यदि आपको एक निश्चित राशि की जरूरत है (जैसे शिक्षा, शादी, यात्रा, आदि), तो पर्सनल लोन ज्यादा उपयुक्त हो सकता है, क्योंकि इसमें आपको एक तय राशि मिलती है और वह खर्च की जरूरत को पूरा करती है।
लंबे समय के लिए वित्तीय सहायता: पर्सनल लोन को अधिकतर समय दीर्घकालिक लोन के रूप में लिया जाता है, जहां एक निश्चित समय के लिए EMI चुकानी होती है।