अगर आप भी अपना आईटीआर रिटर्न करने जा रहे हैं, तो AIS को जरुरत चेक कर लें नहीं तो परेशानी बढ़ सकती है। कई टैक्सपेयर्स फॉर्म 26 एएस और एआईएस के बारे में जानकारी नहीं होती है। जिससे इन दोनों में क्या फर्क है यह पता नहीं होगा। बता दें कि फॉर्म 26एएस में टैक्सपेयर्स के टीडीएस और टीडीएस की जानकारी होती है। इसके अलावा अगर आप के हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन हुए है, तो ये जानकारी मिल जाती है। एआईएस में कई अतिरिक्त जानकारियां होती हैं, जिन्हें हर टैक्सपेयर को आईटीआर रिटर्न करने से पहले चेक करनी चाहिए।
देश में आईटीआर रिटर्न की प्रक्रिया चल रही है। जिसके लिए आयकर विभाग ने लास्ट डेट 15 सितंबर तक रखी है। ऐसे में टैक्सपेयर समय से जरुर रिटर्न फाइल करें। आप को अपना एनुअल इनेशन स्टेटमेंट चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि एआईएस ठीक से नहीं चेक करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, बता दें कि एआईएस में टैक्स पेयर्स के फाइनेंसियल लेनदेन की पूरी जानकारी होती है।
एआईएस में होती ये है ये जानकारी
एनुअल इनफेशन स्टेटमेंट, जिसमें सैलरी सेविंग, बैंक अकाउंट के ब्याज से कमाई, फिक्स्ड अकाउंट से ब्याज से कमाई, डेविडेंट, स्टॉक और म्यूच्यूल फंड, रेमिटेंट और हाई वैल्यू परचेस की जानकारी होती है। आप एआईअस को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई फाइलिंग वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं।
यदि किसी ने रिटर्न फाइल करने से एआईएस को चेक नहीं किया तो वे आईटीआर फॉर्म में गलत डाटा दे सकते हैं। जिससे आप को नोटिस तक मिल सकता है। एनुअल इनफेशन स्टेट के पहले हिस्से में पैन, मास्ड आधार नंबर, टैक्स पेयर का नाम, डेट ऑफ बर्थ, कांटेक्ट डिटेल आदि जैसी जानकारी होती है, तो दूसरे हिस्से में टीडीएस, टीसीएस से जुड़ी जानकारियां मिलती है।
ऐसे मिल सकता है नोटिस
आयकर विभाग के मुताबिक आईटीआर रिटर्न करने से एआईएस में शामिल जानकारियों को ठीक से चेक करना जरूरी है। यहि आप को इस डाटा में कुछ गलत इंट्री दिख रही है, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बता सकते है। वे उस डाटा को ठीक करने के लिए रिक्वेस्ट डाल सकते है। जिससे इनकम टैक्स फॉर्म में टैक्स पेयर्स गलत जानकारी पाई जाती हैं, तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आ सकता है। ध्यान रहें कि रिटर्न फाइल करने से पहले दोनों को ई फाइलिंग वेबसाइट से डाउनलोड कर लें। इसके बाद में सही से चेक करें। जिससे कोई रिटर्न फाइल करने में परेशानी नहीं आए।