नई दिल्लीः  केंद्र सरकार (Central Government)) की ओर से एक बार फिर पेंशन निमयों में बड़ा बदलाव कर दिया गया है. अगर आप केंद्रीय कर्मचारी (Central Employee) हैं तो फिर जरूरी नियमों को जान लें. इस संबंध में पेंशनभोगी कल्याण विभाग (Pensioners Welfare Department) ने स्पष्टीकरण जारी कर दिया है. कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद फैमिली रिकॉर्ड से बेटियों का नाम हटा नहीं सकते।

सरकार ने अपने आदेश में स्थिति साफ करते हुए कहा कि बेटी चाहे परिवार को मिलने वाली पेंशन की हकदार है या नहीं, लेकिन परिवार पेंशन के पात्र सदस्यों की सूची से बेटी का नाम नहीं हटाया जा सकता है. इसके साथ ही पारिवारिक पेंशन का हकदार ना होने पर भी कर्मचारी रिकॉर्ड (Employee Record) से अपनी बेटियों का नाम हटा नहीं सकते हैं. इसके साथ ही विभाग ने अतिरिक्त ऑर्डिनरी पेंशन के तहत मिलने वाले सभी रिटायरमेंट बेनिफिट को जल्द से जल्द सख्ती जारी करने के निर्देश जारी किए गए हैं.

जानिए पेंशन नियम क्या?

DoPPW की ओर से जारी किए मेमोरैंडम में स्पष्ट जानकारी दी कि जो पेंशन का फॉर्मेट होता है उसमें बेटी को भी सरकारी कर्मचारी (Government Employee) के परिवार का सदस्य समझा जाता है. इसी को देखते हुए बेटी का नाम भी परिवार के सदस्यों की सूची में बेटी का नाम भी शामिल किया जाए.

केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 2021 की मानें तो अगर परिवार में सौतेली और गोद ली गई बेटी के अलावा अविवाहित, विवाहित और विधवा बेटियां हैं, तो इसमें उन सभी का नाम शामिल रहना चाहिए. वहीं, जमा किए गए फॉर्म 4 में बेटी को परिवार का आधिकारिक सदस्य के रूप में गिना जाता है.

जानिए फैमिली पेंशन के नियम

नौकरी के समय किसी सरकार कर्मचारी (Government Employee) की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को जो पैसा दिया जाता है, उसे फैमिली पेंशन (Faimly Pension) ही कहते हैं. इस पेंशन में कर्मचारी परिवार के सदस्यों का नाम लिखता है. इससे मौत के बाद परिवार को आर्थिक सहायता मिलती है.

अब अगर परिवार में कोई बच्चा विकलांग श्रेणी में आता है तो उसका पेंशन का पहला अधिकार होगा. इसके अलावा बेटी को तब तक मिल सकती है जब तक वह शादी नहीं कर लेती है. आर्थिक रूप से मजबूत होने तक इसका फायदा मिल सकता है.