नई दिल्लीः भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अब कर्जधारकों को बड़ा झटका दिया है. एसबीआई ने बड़ा झटका देते हुए लोन की ब्याज दरों में इजाफा कर दिया है. इससे बड़ी संख्या में लोन लेने वालों की जेब पर भारी असर पड़ेगा. कुछ खास सीमा के लोन पर एमसीएलआर (MCLR) को 005 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है. इतना ही एसबीआई (SBI) का फैसला 15 नवंबर यानी आज से ही लागू भी हो गया है.

अब लोन पर 9 फीसदी ब्याज का भुगतान करना होगा. वैसे, एक साल का एमसीएलआर (MCLR) घर खरीदारी जैसी लंबी अवधि लोन के लिए बहुत ही खास माना जाता है. एसबीआई (SBI) की तरफ से एमसीएलआर (MCLR) में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. अगर आप कार और होम लेना चाहते हैं तो ज्यादा ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा.

बैंक ने दी बड़ी जानकारी

एसबीआई (SBI) के मुताबिक, बैंक का 42 फीसदी लोन एमसीएलआर (MCLR) पर निर्भर करता है. बाकी लोन की बात लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़े रहते हैं. बैंक ग्राहकों को डिपॉजिट पर ज्‍यादा ब्याज देकर नहीं लुभाएगा, इसकी वजह के कि ब्याज दरें पहले ही आसमान पर हैं. एसबीआई ने तीन और छह महीने के एमसीएलआर (MCLR) में भी बढ़ोतरी कनरे का फैसला किया है.

एक महीने, दो वर्ष और तीन साल की समय सीमा के लिए एमसीएलआर (MCLR) में किसी तरह का बदलाव नहीं किया एमसीएलआर क्या है, जिससे जुड़ी जरूरी बातें आप नीचे आर्टिकल में जान सकते हैं.

जानिए क्या है एमसीएलआर?

आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि एमसीएलआर (MCLR) क्या होता है, जिसे हम आसान भाषा में समझाने जा रहे हैं. इसे सरल शब्दों में समझे तो एमसीएलआर (MCLR) वो न्यूनतम ब्याज दर है जिस पर कोई भी बैंक या कर्जदाता आपको लोन देने का काम कर सकता है. एमसीएलआर से कम ब्याज दर पर लोन नहीं मिल सकता है.

इसके साथ ही कुछ मामलों में छूट प्रदान की जा सकती है. इसके लिए आरबीआई की परमिशन लेना जरूरी होता है. बैंकों की तरफ से एमसीएलआर को लागू करने क पीछे का मकसद बेस रेट प्रणाली की खामियों को दूर कर लोन लेने वालों को राहत देना होता है. इसकी सहायता से लोन लेने वालों को आरबीआई की ओर से कम की गई ब्याज दरों का लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही अप्रैल 2016 में बेस रेट प्रणाली को हटाकर एमसीएलआर को लागू करने का काम किया गया था.