Gemology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मानें तो आज हम एक ऐसे रत्न कि बात कर रहे हैँ जिसे बहुत ही ज्यादा प्रभाव शाली और शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ये रत्न इतना ज्यादा शुभ होता है कि सोई हुई किस्मत के भी ताला को भी खोल देता है। लाल रंग का दिखने वाला ये रत्न दिखने में भी बहुत ही ज्यादा खूबसूरत होता है। एक  बार पहन लेंगे तो इतने लाभ देखने को मिलेंगे कि आप भी अचंभित रह जाएंगे। दरअसल, हम जिस रत्न कि बात कर रहे हैँ वो है मूंगा रत्न (Moonga Ratna)।

मूंगा रत्न उन जातकों को अवश्य धारण करना चाहिए जिस जातक कि कुंडली में मंगल कि स्थिति काफी ज्यादा कमजोर होती है। उन जातकों को मूंगा रत्न को धारण करना काफी ज्यादा अच्छा और शुभ माना जाता है। ये लाल, सिन्दूरी, सफ़ेद, गेहूंआ और काला रंग का होता है।

जानिए कि कौन से जातक हैँ जिन्हें मूंगा रत्न शुभता का प्रतीक माना जाता है :

मेष लग्न या जिन राशि जातकों के स्वामी मंगल ग्रह हैँ उनके लिए मूंगा रत्न धारण करना बहुत ही ज्यादा अच्छा और शुभ माना जाता है। वहीं, सिंह लग्न और सिंह राशि के जातकों को ये लगता है कि वे मेहनत तो कड़ी कर रहे हैँ पर उन्हें मेहनत स्वरूप फल नहीं मिल रहा है तो मूंगा रत्न जरूर पहनना चाहिए। इसे धारण करने से उनका भाग्य चमक जाएगा। इसके अलावा किसी व्यक्ति के कुंडली में यदि मांगलिक दोष हों तो ऐसे व्यक्ति को मूंगा रत्न जरूर धारण करना चाहिए। ये काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।

अब जानिए कि किसे नहीं धारण करना चाहिए मूंगा रत्न 

बिना कुंडली दिखाए मूंगा रत्न भूल कर भी कभी नहीं धारण करना चाहिए। वहीं, ये भी बताते चलें कि मूंगा रत्न को कभी भी लहसुनिया, गोमद, नीलम रत्न के साथ तो गलती से भी धारण नहीं करना चाहिए, भूल कर भी, क्युंकि ये बहुत ही ज्यादा नुकसान दायक साबित हो सकता है। इसी के साथ किसी भी राशि के जातक को मूंगा रत्न धारण करने से पहले किसी भी अच्छे ज्योतिष को अपनी कुंडली जरूर दिखा देनी चाहिए कि ये उनके लिए फालदायी साबित होगा कि नहीं।

मूंगा रत्न धारण करने का ये है विधि विधान 

वैसे तो मूंगा रत्न को सोने, चांदी, ताम्बे के अंगूठी के साथ धारण करना बहुत ही ज्यादा शुभ और फालदायी माना जाता है। मूंगा रत्न कि अंगूठी को धारण करने से पहले यूज़ कच्चे दूध तथा गंगा ज़ल से स्नान कराएं। फिर धारण करें।

जानिए क्या हैँ मूंगा रत्न धारण करने के फायदे:

मूंगा रत्न का सीधा रिश्ता मंगल ग्रह से है। ये रत्न व्यक्ति के भीतर आत्मविश्वास और सेहत उत्पन्न करता है। इसके अलावा अवसाद जैसी स्थिति इसे धारण करने से दूर हो जाती है।