Loan EMI: EMI भरते समय कुछ आम गलतियाँ होती हैं जो आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती हैं। इन्हें जानकर आप उनसे बच सकते हैं, समय पर EMI न भरना समय पर EMI न भरने से आपका CIBIL स्कोर खराब हो सकता है, जिससे भविष्य में लोन लेने में कठिनाई हो सकती है और पेनल्टी भी लगती है।

1. कम अवधि का लोन चुनना: बहुत कम अवधि का लोन चुनने से EMI की राशि बढ़ जाती है, जो आपकी मासिक आय पर भारी पड़ सकती है। अपने बजट के अनुसार ही लोन अवधि का चुनाव करें।

2. बिना ध्यान दिए ऑटो-डेबिट सेट करना: यदि आपके बैंक खाते में EMI के समय पर्याप्त बैलेंस न हो, तो ऑटो-डेबिट असफल हो सकता है और इससे अतिरिक्त शुल्क लग सकता है। हर महीने EMI से पहले बैलेंस चेक कर लें।

3. प्रीपेमेंट पेनल्टी न समझना: लोन का प्रीपेमेंट करते समय ध्यान दें कि कोई पेनल्टी या अतिरिक्त शुल्क तो नहीं लगेगा। प्रीपेमेंट के नियम समझकर ही यह कदम उठाएं।

4. लोन रीपेमेंट प्लान न बनाना: एक सही रीपेमेंट प्लान बनाना जरूरी है ताकि EMI का भुगतान आसान हो। अपनी आय, खर्चों और बचत के आधार पर EMI प्लान बनाएं।

इन बिंदुओं का ध्यान रखकर आप EMI चुकाते समय होने वाले संभावित नुकसान से बच सकते हैं।

EMI भरते समय कुछ और महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है, जो आपको आर्थिक समस्याओं से बचा सकता है:

1. लोन की ब्याज दरों का सही से मूल्यांकन: EMI का भुगतान करते समय विभिन्न बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें। कई बार बैंक या वित्तीय संस्थान समय-समय पर ब्याज दरों में बदलाव करते हैं, जिससे आपको लोन ट्रांसफर करने में लाभ मिल सकता है।

2. आकस्मिक खर्चों के लिए तैयार रहें: कई बार अप्रत्याशित खर्च आ जाते हैं, जो आपकी EMI चुकाने की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में, एक इमरजेंसी फंड तैयार रखें ताकि आपकी EMI समय पर जाती रहे।

3. लोन इंश्योरेंस लेना: कुछ बैंकों में लोन इंश्योरेंस की सुविधा होती है, जो अप्रत्याशित परिस्थिति (जैसे- नौकरी जाने, दुर्घटना या बीमारी) में आपके EMI को कवर कर सकता है। यह एक छोटी अतिरिक्त लागत हो सकती है, लेकिन लंबी अवधि में मददगार साबित होती है।

4. EMI कैलेंडर बनाएं: हर महीने के खर्चों की योजना में EMI को प्राथमिकता दें। EMI के भुगतान के लिए एक कैलेंडर सेट करें ताकि आप इसे कभी न भूलें।

5. फ्लेक्सिबल EMI विकल्प का लाभ उठाना: कुछ लोन प्रोवाइडर फ्लेक्सिबल EMI विकल्प देते हैं, जिसमें आप अपने लोन की अवधि और EMI की राशि को बदल सकते हैं। अगर कभी आर्थिक संकट आए, तो फ्लेक्सिबल EMI विकल्प का उपयोग कर सकते हैं।

6. अकाउंट में मिनिमम बैलेंस बनाए रखें: यदि आपकी EMI ऑटो-डेबिट से कटती है, तो हर महीने अपने खाते में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखें। इससे ऑटो-डेबिट असफल होने की संभावना कम रहती है और आपको पेनल्टी नहीं लगती।

इन उपायों का पालन करके आप न केवल अपने EMI भुगतान को सुचारू रख सकते हैं बल्कि भविष्य में आर्थिक स्थिरता भी बना सकते हैं।