Goat Farming: बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार और कई वित्तीय संस्थानों ने अब बकरी पालन व्यवसाय के लिए 50 लाख रुपये तक का इंस्टेंट लोन देने की सुविधा शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना और किसानों को अतिरिक्त आय का साधन प्रदान करना है।
योजना की मुख्य विशेषताएं:
1. लोन राशि: बकरी पालन के लिए 50 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। यह राशि बकरी खरीदने, शेड बनाने, और अन्य आवश्यक संसाधनों के लिए उपयोग की जा सकती है।
2. सब्सिडी: लोन वापसी के समय सरकार द्वारा सब्सिडी का लाभ मिलता है। इस सब्सिडी की दर राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों के आधार पर अलग-अलग हो सकती है, जो 25% से लेकर 50% तक हो सकती है।
3. ब्याज दर: बकरी पालन लोन पर ब्याज दर भी अन्य लोन की तुलना में कम होती है। किसानों और पशुपालकों के लिए यह ब्याज दर किफायती होती है, ताकि वे आसानी से लोन चुका सकें।
4. लोन चुकाने की अवधि: लोन चुकाने के लिए 5 से 7 साल का समय दिया जाता है, जिससे लाभार्थी आराम से अपने बकरी पालन व्यवसाय को बढ़ा सकते हैं और आसानी से किस्तों में लोन चुकता कर सकते हैं।
5. पात्रता: इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और वह बकरी पालन व्यवसाय में रुचि रखता हो। कुछ मामलों में, कृषि विभाग या पशुपालन विभाग से प्रशिक्षण भी जरूरी होता है।
6. आवेदन प्रक्रिया: बकरी पालन लोन के लिए नजदीकी बैंक या सहकारी संस्था में आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत भी यह लोन उपलब्ध हो सकता है। आवेदन के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता विवरण, और प्रोजेक्ट रिपोर्ट की आवश्यकता हो सकती है।
बकरी पालन से लाभ:
बकरी पालन एक कम लागत वाला व्यवसाय है, जिसमें कम निवेश में अच्छा लाभ कमाया जा सकता है।
बकरियों का दूध, मांस और गोबर भी अतिरिक्त आय का स्रोत बनता है।
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए यह स्वरोजगार का एक अच्छा माध्यम है।
यह योजना ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर है जो बकरी पालन के माध्यम से आत्मनिर्भर बनना चाहते हैं।