NPS, EPF या PPF में कहां बनेगा मोटा रिटायरमेंट फंड, डिटेल्स पढ़कर उठाएं लाभ!

नई दिल्लीः लोग नौकरी या बिजनेस जैसे किसी भी प्रोफेशन में हो, लेकिन यहां पर बुढापे के लिए चिंता जरुर सताती है। आप को निवेश करने के लिए कई स्कीम मिलती है। जहां पैसा सुरक्षित रहते हुए उचित ब्याज का फायदा देता है। आमतौर पर आप को एनपीएस, ईपीएफ और पीपीएफ में पैसा निवेश करने का ऑप्सन मिलता है। हालांकि इसमें आप को कौन सी स्कीम मोटा ब्याज देती है और सही स्कीम कौन सी यह चुनना मुश्किल भरा होता है।

अक्सर रिटायरमेंट प्लान के लिए कंफ्यूज रहते है। जिससे NPS, EPF और PPF में कौन सही ऑप्सन है, यह जानने के लिए आप को खास जानकारी बता रहे है। जिससे आप भी इन योजनाओं में निवेश कर अपने और परिवार के लिए बेहतर प्लानिंग कर पाएं।

कर्मचारी भविष्य निधि योजना (EPF)

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की ओर से कर्मचारी भविष्य निधि योजना संचालित की जाती है। बता दें कि ईपीएफ खाते में पैसा जमा करने पर सरकार ब्याज देती है, जब कोई कर्मचारी 30 साल तक नौकरी करने के बाद रिटायर होता है, तो उन्हें रिटायरमेंट के समय मोटा फंड मिल जाता है, जिसे वह बुढापे या फैमिली के खर्चे पूरे कर सकते है।

इस खाते में कंपनी और कर्मचारी दोनों ही बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी अंशदान करते है, खास बात तो यह है कि EPF में निवेश करने पर धारा 80c के तहत 1.5 लाख रुपये तक टैक्स छूट के हकदार होते है। यह सरकारी स्कीम में पैसे सुरक्षित रहते हुए बढ़ता रहता है। रिटायरमेंट के समय मिलने पर इससे पैसे के जरुरी काम निपट जाते है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

भारत में हर नागरिक के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम एक स्वैच्छिक योजना है। जिसमें कोई भी 18 से 70 साल का भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है। योजना में बनाए गए नियम के अनुसार निवेशक अपने हिसाब से इक्विटी, कॉर्पोरेट बांड और सरकारी सिक्योरिटी में ऑप्सन चुन सकता है। योजना में सालाना के तौर पर 8% से 10% रिटर्न मिल रहा है। इसमें इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत ₹1.5 लाख और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त ₹50,000 की छूट प्राप्त की जा सकती है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

जो लोग लॉन्ग टर्म में सेविंग करना चाहते हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) से अच्छी कोई सरकारी योजना नहीं है। इसमें साल न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये लगाए जा सकते हैं। इस खाते पर सरकार सालाना 7.1 फीसदी से ब्याज दर दे रही है। खास बात तो यह कि हर तिमाही पर सरकार ब्याज तय करती है। यहां पर निवेशको कोई जोखिम नहीं है।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश करने पर धारा 80C के तहत सालाना 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट हासिल की जा सकती है। बता दें कि PPF में मैच्योरिटी पीरियड 15 साल तक है। इसे 5-5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं। जिससे आप के अगर बड़े फाइनेंसियल गोल हैं तो बड़ी फंड बन जाता है।