नई दिल्लीः अगर कोई इंसान यमलोक पहुंच जाए और चिता पर लिटाते समय उसकी धड़कन लौट आए तो यह किसी बड़े चमत्कार की तरह है. आपने पुरानी कहावत तो सुनी ही होगी जाको राखे साइयां मार सके ना कोई. अगर भगवान का हाथ आपके सिर पर है तो मौत भी रास्ता छोड़ देती है. राजस्थान का झुंझुनूं जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया.
मृतक शव को जब अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लाया गया तो वहां उसकी सांसें चलने लगी, यह सब देखकर लोग डर गए. किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि भले ऐसे कैसे हो सकता है. धड़कन चलती देख श्मशान में स्थित लोगों ने आनन-फानन में एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया है, जहां उसका इलाज चल रहा है.
डाक्टर ने मृत मानकर कर दी थी अस्पताल से छुट्टी
राजस्थान के जिला झुंझुनूं कस्बे के मां सेवा संस्था में सेवा दे रहे 47 वर्षीय शख्स रोहिताश की गुरुवार को तबीयत अचानक खराब हो गई थी. इसके बाद झुझुनू के बीडीके अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान गुरुवार दोपहर एक बजे डॉक्टर ने रोहिताश को मृत घोषित किया था. इसके बाद उसके मृत शरीर को मुर्दाघर में रखा गया था.
करीब दो घंटे तक शरीर मुर्दाघर के डीप फ्रिज में रखा गया. पुलिस आने के बाद उसका पंचनामा सहित अन्य कानूनी प्रक्रिया पूरी कराई. दोपहर बाद लगभग चार बजे उसके शरीर को मां सेवा संस्थान के जिम्मेदार पदाधिकारियों को सौंप दिया. शाम करीब 5 बजे रोहिताश के शरीर को एंबुलेंस में रखवाया गया और पंच देव मंदिर के पास श्मशान घाट लेकर पहुंचे. यहां रोहितशा को चिता पर रखा तो उसकी सांसें और धड़कनें चलने लगीं. यह नजारा देख हर कोई हैरान रह गया. फिर एंबुलेंस से ही रोहिताश को दुबारा अस्पताल भिजवाया गया.
जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए
जैसे ही रोहित की सांसें लौट आई तो आला अधिकारी भी हरकत में आए. जिला कलेक्टर ने तुरंत अधिकारियों को अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए. क्षेत्र के तहसीलदार महेंद्र मूंड सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया अस्पताल पहुंचे. उधर अस्पताल में पीएमओ डॉ. संदीप पचार की मौजूदगी में डॉक्टरों की कई घंटे तक बैठक हुई. जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी से पूरी रिपोर्ट तलब की है