Employees Provident Fund: अगर आपके पास EPF (Employees’ Provident Fund) अकाउंट है, तो आपको 60 साल के बाद पेंशन मिलने की संभावना है, लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें और नियम होते हैं। इस पेंशन को EPS (Employees’ Pension Scheme) कहा जाता है। यह योजना EPF का एक हिस्सा है, और पेंशन की राशि आपके योगदान और अन्य कारकों पर निर्भर करती है।
क्या है EPS (Employees’ Pension Scheme)?
EPS योजना उन कर्मचारियों के लिए है जो EPF योजना के तहत काम करते हैं और पेंशन के हकदार होते हैं। यह योजना कर्मचारियों को एक निर्धारित पेंशन राशि प्रदान करती है जब वे 58 या 60 वर्ष की आयु पूरी करते हैं।
पेंशन के पात्र होने के लिए शर्तें:
1. 10 साल तक योगदान: पेंशन के लिए पात्र होने के लिए आपको कम से कम 10 साल तक EPS में योगदान करना जरूरी है। यदि आप 10 साल से पहले नौकरी छोड़ते हैं, तो आपको पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा, हालांकि आप EPF के पैसे वापस ले सकते हैं।
2. 60 वर्ष की उम्र: पेंशन की शुरुआत 60 वर्ष की आयु के बाद होती है। आप अपनी पेंशन 58 वर्ष की आयु से भी शुरू कर सकते हैं, लेकिन पेंशन राशि में कुछ कमी हो सकती है।
3. न्यूनतम पेंशन राशि: EPS के तहत आपको न्यूनतम पेंशन मिलती है, जो कि ₹1,000 प्रति माह से शुरू होती है। अगर आपके योगदान के हिसाब से आपकी पेंशन राशि कम होती है, तो सरकार आपकी पेंशन को ₹1,000 प्रति माह तक बढ़ा देती है।
पेंशन की राशि कैसे तय होती है?
पेंशन की राशि आपकी मासिक सैलरी, कितने सालों तक आपने योगदान किया है, और आपकी एवरेज सैलरी के आधार पर तय होती है। पेंशन की गणना के लिए एक फॉर्मूला है:
Pension = (Pensionable Salary × Pensionable Service)/70
Pensionable Salary: आपकी औसत सैलरी जो पेंशन स्कीम के लिए निर्धारित है। Pensionable Service: वह अवधि जो आपने EPS योजना में काम करके दी है।
EPS से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें:
1. अधूरी पेंशन राशि: यदि आपने 10 साल से कम योगदान किया है, तो आपको EPS का लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन आप अपनी जमा राशि का EPF के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
2. कस्टोडियल राशि: यदि आप 58 या 60 वर्ष की आयु से पहले पेंशन लेना चाहते हैं, तो पेंशन राशि में कटौती की जाती है।
3. विधवा/अधिकारियों की पेंशन: अगर पेंशन धारक की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी विधवा या परिवार के सदस्य को पेंशन का लाभ मिल सकता है।
इस प्रकार, EPS योजना का लाभ आपको 60 साल के बाद पेंशन के रूप में मिल सकता है, बशर्ते आपने निर्धारित शर्तों का पालन किया हो और 10 साल तक योगदान किया हो।