नई दिल्लीः केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से गांव में गरीबी रेखा में जीवन यापन कर रहे लोगों के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Scheme) किसी वरदान की तरह काम कर रही है. योजना ( Scheme) का मकसद बेरोजगार गरीब और वंचित वर्ग को रोजगार का अवसर प्रदान करना है. इस योजना के तहत लोगों के जॉब कार्ड बनाए जाते हैं.
आप गांव में रहते हैं रोजगार का अवसर नहीं तो फिर मनरेगा योजना का जॉब कार्ड (MNREGA scheme job card) बनवा सकते हैं. जॉब कार्ड बनवाने का तरीका भी आसान रहता है, जिस प्रोसेस को ऑनलाइन तरीके से पूरा कर सकते हैं. इस कार्ड के बनते ही ग्रामीणों को काम मिलना शुरू हो जाएगा. महिलाओं को भी इस योजना से काम मिलता है. मनरेगा योजना (MNREGA scheme) में कितनी दिहाड़ी और क्या शर्तें होती हैं, नीचे जान सकते हैं.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से जुड़ी जरूरी बातें
केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा चलाई जा रही मनरेगा योजना (MNREGA scheme) के अंतर्गत एक वित्तीय साल में 100 दिन का मजदूरी रोजगार देने का प्रावधान है. अगर आप 100 दिन पूरे काम कर लेते हैं तो फिर अतिरिक्त 25 दिन काम और भी मिल सकता है. इस योजना के काम करने वाले सदस्य को रोजाना 289 दिहाड़ी मिलती है.
ग्राम पंचायतों में इस योजना का संचालन ग्राम प्रधान के नेतृत्व में किया जाता है. पैसा लेने के लिए लोगों को पहले काम करना पड़ता है. इसमें महिलाएं भी अपना जॉब कार्ड बनवा सकते हैं. उन्हें भी दिहाड़ी के हिसाब से पैसा दिया जाता है.
काम मिलने के नियम
ग्रामीण परिवार के सदस्य को मनरेगा योजना (MNREGA scheme) के तहत जॉब कार्ड (job card) प्रदान किया जाता है. इसका मुख्य रूप से सभी सदस्यों के नाम और फोटोग्राफ रहते हैं. जॉब कार्ड बनते ही ग्रामीण सदस्यो को रोजगार मिलने का कानूनी अधिकार मिल जाता है.
इसमें शर्त यह है कि जॉब कार्ड मिलने के 15 दिन के अंदर काम नहीं दिया जाता है तो श्रमिक को प्रतिदिन बेरोजगारी भत्ते के रूप में भी पैसे देने का नियम है. 5 किमी के भीतर काम देना होता है. अगर 5 किलोमीटर से दूर काम मिल रहा है तो 10 फीसदी अतिरिक्त मजदूरी का भी प्रावधान है.
मनरेगा जॉब कार्ड को कैसे करें अप्लाई?
मनरेगा जॉब कार्ड के लिए ऑनलाइन और आफलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
स्थानीय ग्राम पंचायत पर फॉर्म सुविधा मिलती है.
पंजीकरण के बाद सदस्य के सभी कागजों की जांच होती है.
आवेदन सत्यापित होते ही जॉब कार्ड मिल जाता है.
15 दिन के भीतर फिर मनरेगा के तहत रोजगार मिलने लगता है.