नई दिल्लीः आधार कार्ड की देख रेख करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अल्लाह-अलग सोर्स से मृत्यु का रिकॉर्ड पाने और सही वेरिफिकेशन के बाद आधार नंबर को डिएक्टिव करने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। ये जानकारी इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय की तरफ से दी गई है।
जानकारी के अनुसार यूआईडीएआई (UIDAI) की तरफ से भारत के रजिस्टर जनरल से आधार नंबर से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड की जानकारी देने के लिए कहा। केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के जरिए करीब 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड दिए। सही वेरिफिकेशन के बाद लगभग 1.17 करोड़ आधार नंबरों को डिएक्टिव कर दिया गया है।
माईआधार पोर्टल पर नई सुविधा शुरू
बता दें कि UIDAI ने 9 जून, 2025 को माईआधार पोर्टल पर एक नई सुविधा शुरू की। इस सुविधा के तहत परिवार के सदस्यों की मौत की जानकारी देना है। हालांकि अभीतक यह सुविधा राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है। इस पोर्टल के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की जानकारी दे सकता है। इसको लेकर उन्हें खुद प्रमाणित करना होगा और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, डेथ रजिस्टर नंबर और जरूरी जानकारी दी गई है।
वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद मृत व्यक्ति का आधार नंबर डिएक्टिव किया जाता है। बाकी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस पोर्टल से जोड़ने का काम प्रोसेस में है। वहीं यूआईडीएआई बैंकों और आधार इकोसिस्टम से मृत्यु संबंधी जानकारी पाने की संभावनाओं को देख रहा है, जिससे कि मृतक के आधार नंबर को सही समय पर डिएक्टिव कर सकें।
राज्यों को भेजा जा रहा डेटा
मंत्रालय के मुताबिक, यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने के लिए राज्य सरकार की मदद ले रहा है। एक योजना के माध्यम से 100 साल से ज्यादा उम्र वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डाटा राज्यों को दिया जा रहा है, जिससे कि वेरफिकेशन किया जा सके कि आधार धारक जिंदा हैं या नहीं।
परिवार के किसी सदस्य की मौत होने बाद उनके आधार नंबर गलत इस्तेमाल से रोकने के लिए कहा जाता है कि आधार धारक मृत्यु पंजीकरण प्राधिकरण से मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के बाद माईआधार पोर्टल पर अपने परिवार के उन सदस्यों की सूचना दें जिनकी मृत्यु हो चुकी है।