Money Saving Tips: महीने की सैलरी चाहें जितनी हो, अगर सही ढंग से फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की तो खाते में एक रुपए नहीं सेव होगा। आमतौर पर हर नौकरी पेशे वाले की यही कहानी है। जिससे सलाह दी जाती है, जब नई-नई नौकरी लगें तो खर्च, सेविंग और निवेश की प्लानिंग कर लेनी चाहिए। वर्ना एक बार फिजूलखर्ची की लत लग जाती हैं, तो लोग उसी में फंस जाते है। नौकरीपेशा लोगों को इस फॉर्मूला से सैलरी को खर्च करना चाहिए, जिससे कभी भी आगे चल कर परेशानी नहीं होगी।
अक्सर लोग फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लेने के लिए जाते है, जिससे खर्च, सेविंग और निवेश की खास प्लानिंग जानना चाहते हैं। अगर आप ने इसके लिए तीन अकाउंट बना लिए तो यह गजब का फॉर्मूला काम आस सकता है। जी हां यहां पर महीने के खर्च, इमरजेंसी सेविंग और मोटे रिटर्न के लिए निवेश भी है। इस तरीके से आप को कभी भी परेशानी नहीं होने वाली है।
सैलरी अकाउंट
जो लोग नौकरी पेशे में हैं, आप के लिए सैलरी अकाउंट होना जरुरी है। कई बैंक सैलरी अकाउंट पर लाभ देती हैं। जैसे ही सैलरी आपके अकाउंट में आती है सबसे पहले अपने जरूरी खर्चों, निवेश और सेविंग के बजट के अनुसार पैसा बाकी दो खातों में ट्रांसफर कर दें। ऐसा करने से आप के पास में पैसों को पूरा लेखा जोखा होगा। जिससे खुद और परिवार के खर्च, सेविंग, निवेश कितना करना है।
सेविंग अकाउंट
अगर आप को फाइनेंसियमल फ्रीडम चाहिए तो सैलरी अकाउंट के बाद सेविंग अकाउंट खोल सकते हैं। इस खासे में सैलरी का 20% जरुर डाल दें। महीने में जब भी आप को जरुरत होगी तो यह सेविंग काम आएगी। जैसे इमरजेंसी या फाइनेंशियल गोल्स जैसे घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, या रिटायरमेंट में खर्च काम आएगा। इसी खर्च में निवेश भी कर सकते हैं। जैसे शेयर बाजार की कोई स्कीम, पीपीएफ योजना, बैंक एफडी आदि हो सकती है।
स्पेंडिंग के लिए अकाउंट
सैलरी, सेविंग अकाउंट के बाद में तीसरा अकाउंट में खर्च के लिए पैसे रख सकते हैं। आप इसे स्पेंड अकाउंट कह सकते हैं। इस खाते में जमा की गई रकम को खर्चें, बिजली बिल , पानी बिल खर्च को आसानी से मेनेज किया जा सकता है। जिस डेट को सैलरी आती हैं, तो पहले बचत की रकम सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करें, और फिर जो खर्च के लिए राशि बचती है, उसे इस खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं। हालांकि अपनी सुविधा के लिए आप यहां पर ऑटो ट्रांसफर फेसलिटी यूज कर सकते हैं। जिससे आप को खुद यह काम नहीं करना होगा।