Gold Price: अब थम जाएंगे सोने के दाम! इस गोल्ड स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Gold Price: देश में ही नहीं बल्कि दुनियों में लोगों को निवेश गोल्ड में रहता है। क्योंकि इससे बढ़िया रिर्टन और कहीं नहीं मिल सकता है। हालांकि अब सामने आई दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) की रिपोर्ट हैरान करने वाली है। जिसमें बताया गया है कि सोने (Gold) की कीमतें अब कंसोलिडेशन फेज यानि की थम सकती है। जिससे सोने के निवेश पर उंचे रिर्टन की आस लगाए लोगों को झटका साबित हो सकता है। आप को बताते इस रिपोर्ट में क्या और बातें सामने आईं है।

आप को याद दिला दें कि साल में 2019 में भारत में सोने की कीमत लगभग ₹30,000 प्रति 10 ग्राम थी, जो मौजूदा समय जुलाई 2025 तक बढ़कर ₹1 लाख से ज्यादा पहुंच गई है। जिससे देखा जाए को 6 साल की अवधि में सोने ने 200% से ज्यादा रिटर्न दिया। जहां सोने की कीमत तीन गुना अधिक हो गई। तो वही MOFSL ने गोल्ड के मामले में शुरुआत से ही बुलिश नजरिया से देखा है।

2024 का सफल हुआ कंपनी का टारगेट

ब्रोकरेज फर्में निवेश के लिए ऐसे चीजों पर टागरेट देती है, जिससे 2024 में MOFSL ने सोने को रेट ₹98,000 प्रति 10 ग्राम तक अनुमानित किया था, जो ₹1.02 लाख के टारगेट के करीब पहुंचा। ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक सोने की मौजूदा रेट्स में बहुत कुछ पहले से बढ़े चल रहे आगे तेजी के लिए किसी बड़े टारगेट को हासिल कर सकती है। तो

वही MOFSL के प्रीशियस मेटल रिसर्च एनालिस्ट मानव मोदी के बताा है, कि हमें अब ज्यादा स्पष्टता का इंतजार करना चाहिए या किसी निर्णायक ट्रिगर का, जो गोल्ड की कीमतों को फिर से पुश करे। इस बीच गोल्ड में कंसोलिडेशन यानी ठहराव का दौर रहेगा।

इस वजह से थम जाएंगे सोने के रेट्स

रिसर्च एनालिस्ट मानव मोदी के मुताबित सोने में इतनी कीमतें बढ़ने के बाद में थोड़े समय के किए दाम ठहर सकते हैं। जिसके कई कारण है, जिसके बारे में जिक्र किया गया है। बता दें कि MOFSL की रिपोर्ट में तेजी थमने के पीछे कई फैक्टर बताए है, जो इस पर असर डाल रहे है।

हाल के जियोपॉलिटिकल टेंशन में इजरायल-ईरान और रूस-यूक्रेन से सोने कीमत पर असर पड़ रहा है, तो वही अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ विवाद कम नहीं हो रहा है, जिसके कारण बाजार में स्थिरता आ रही है। खबरों में बताया जा रहा है कि भारत और चीन समेत कई सेंट्रल बैंक अभी भी सोने की खरीदारी कर रहे हैं, हालांकि इसके बावजूद सोने पहले जैसी तेजी नहीं है।