RBI Update: भारत में बैंक अकाउंट में रखे पैसे पर टैक्स लगाने का कोई सीधा नियम नहीं है, लेकिन इनकम टैक्स के तहत कुछ शर्तों के अनुसार टैक्स लग सकता है। बैंक अकाउंट में जमा पैसे पर टैक्स के कुछ प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:

1. ब्याज पर टैक्स (Interest Income):

यदि आपके बैंक अकाउंट में पैसे पर ब्याज मिलता है, तो उस पर टैक्स लगाया जाता है। यह टैक्स आपके कुल आय के रूप में गिना जाता है।

Savings Account: बचत खाते में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है। यदि एक वित्तीय वर्ष में बचत खाते में ब्याज ₹40,000 (₹50,000 अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं) से ज्यादा होता है, तो उसे अपनी आय में शामिल करना होगा और उस पर टैक्स देना होगा।

Fixed Deposit (FD): फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगता है। यह भी आपकी कुल आय में शामिल होता है और टैक्सेबल होता है।

2. टैक्स की दर:

ब्याज आय पर टैक्स आपकी कुल आय के आधार पर लगता है, जिसे आपकी आय टैक्स स्लैब के हिसाब से लागू किया जाता है। यदि आपकी कुल आय ₹2,50,000 से अधिक है, तो आपको टैक्स देना होगा।

₹2,50,000 तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है (टैक्स स्लैब में छूट)।

₹2,50,001 से ₹5,00,000 तक 5% टैक्स।

₹5,00,001 से ₹10,00,000 तक 20% टैक्स।

₹10,00,001 से अधिक की आय पर 30% टैक्स।

3. TDS (Tax Deducted at Source):

अगर बैंक ने आपके द्वारा अर्जित ब्याज पर TDS काटा है, तो आपको वह ब्याज आय में शामिल करना होगा, और आप उसे अपनी टैक्स रिटर्न में क्रेडिट के रूप में ले सकते हैं।

TDS की दर: आमतौर पर बैंक FDs और सेविंग्स अकाउंट से अर्जित ब्याज पर 10% का TDS काटते हैं, यदि ब्याज ₹40,000 (₹50,000 वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से ज्यादा हो।

4. Tax-Free Interest (कर मुक्त ब्याज):

Public Provident Fund (PPF), Senior Citizens Savings Scheme (SCSS), और Post Office Monthly Income Scheme (POMIS) जैसी योजनाओं में निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्स से मुक्त होता है।

5. GST (Goods and Services Tax):

बैंक अकाउंट में रखे पैसों पर ब्याज पर GST नहीं लगता है, क्योंकि यह वित्तीय सेवा के तहत आता है।

इस प्रकार, अगर आपके बैंक अकाउंट में पैसे पर ब्याज मिलता है, तो आपको उस पर टैक्स देना होगा, लेकिन अगर ब्याज की राशि कम है तो आपको टैक्स नहीं लगेगा या टैक्स कम लगेगा।