नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में मिली हार के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। टीम इंडिया की शर्मनाक हार के बाद BCCI ने शनिवार 11 जनवरी को मुंबई में एक समीक्षा मीटिंग आयोजित की थी, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। इस मीटिंग में सबसे बड़ी चर्चा खिलाड़ियों की सैलरी और उनके प्रदर्शन पर आधारित सिस्टम के बारे में थी। इसके तहत, बोर्ड को एक नया प्लान शुरू करने की योजना बन रही है, जिसमें खिलाड़ियों की सैलरी उनके प्रदर्शन के आधार पर कटेगी या बढ़ेगी। यह बदलाव भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो टीम के प्रदर्शन को सुधारने में सहायक हो सकता है।

BCCI द्वारा प्रस्तावित नए सिस्टम के तहत, खिलाड़ियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर ही सैलरी दी जाएगी। अगर कोई खिलाड़ी अपनी उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करता है, तो उसकी सैलरी में कटौती की जा सकती है। भारतीय क्रिकेट में पहले से ही प्रदर्शन आधारित सिस्टम लागू है, लेकिन अब इसे और मजबूत किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार, BCCI के नए सचिव देवजीत सैकिया और कोषाध्यक्ष प्रभतेज सिंह भाटिया के नेतृत्व में इस बदलाव को लागू किया जाएगा। इस बदलाव से खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होगा, और टीम का प्रदर्शन और भी बेहतर हो सकता है।

BCCI का एक और बड़ा कदम टेस्ट क्रिकेट के महत्व को बढ़ाना है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि टीम मैनेजमेंट का मानना है कि वर्तमान में खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को उतना महत्व नहीं दे रहे हैं जितना देना चाहिए। BCCI इस मुद्दे पर गंभीर है और चाहता है कि सभी खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को अपनी प्राथमिकता मानें। इसके लिए BCCI ने खिलाड़ियों से अपील की है कि वे व्हाइट बॉल क्रिकेट के बजाय टेस्ट क्रिकेट को अधिक महत्व दें, ताकि भारतीय क्रिकेट की जड़ों को मजबूत किया जा सके।

भारत ने पिछले कुछ समय में टेस्ट क्रिकेट में कई महत्वपूर्ण मुकाबले खेले हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ हार ने टीम की स्थिति को कमजोर किया। इन हारों के बाद BCCI ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है, ताकि खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो सके। इसके अलावा, यह कदम भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे खिलाड़ियों को प्रदर्शन के आधार पर उचित सम्मान और पुरस्कृत किया जाएगा।

यह नया सिस्टम निश्चित रूप से टीम इंडिया को और भी जिम्मेदार बनाएगा। जब खिलाड़ियों को यह पता होगा कि उनका प्रदर्शन सीधे उनके वित्तीय लाभ से जुड़ा हुआ है, तो वे अपनी परफॉर्मेंस को लेकर और भी गंभीर होंगे। यही कारण है कि BCCI इस सिस्टम को लागू करने पर विचार कर रहा है। इससे ना सिर्फ टीम के प्रदर्शन में सुधार होगा, बल्कि खिलाड़ी भी अपने करियर को और भी गंभीरता से लेंगे।