नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में हाल ही में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। जहां एक ओर जय शाह ने ICC चेयरमैन के रूप में अपना नया कार्यभार संभाला है, वहीं उनकी जगह पर देवजीत सैकिया को BCCI का नया सचिव चुना गया है। इस बदलाव के साथ भारतीय क्रिकेट में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। BCCI सचिव के पद पर सैकिया की नियुक्ति भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। आइए जानते हैं इस बदलाव के बारे में विस्तार से।
BCCI ने हाल ही में अपनी एक विशेष बैठक में देवजीत सैकिया को अपने नए सचिव के रूप में चुन लिया। यह नियुक्ति जय शाह के आईसीसी चेयरमैन बनने के बाद की गई, जिससे BCCI को सचिव पद के लिए नए व्यक्ति की जरूरत थी। सैकिया, जो असम के एक पूर्व क्रिकेटर हैं, पहले BCCI के कार्यवाहक सचिव के रूप में अपनी जिम्मेदारियां संभाल चुके थे। अब उन्हें आधिकारिक तौर पर सचिव बना दिया गया है।
सैकिया का कार्यकाल खासा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि उन्हें BCCI के सचिव पद की जिम्मेदारी उस समय मिली है जब भारतीय क्रिकेट के कई अहम फैसले लिए जा रहे हैं। सैकिया एक अनुभवी फर्स्ट क्लास क्रिकेटर और राज्य के महाधिवक्ता भी हैं। उनका प्रोफेशनल बैकग्राउंड उनके लिए इस पद पर सफलता हासिल करने में मददगार साबित हो सकता है।
BCCI अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने सैकिया को सचिवीय जिम्मेदारियां सौंपने के लिए अपनी संवैधानिक शक्तियों का उपयोग किया। बिन्नी ने BCCI के संविधान के खंड 7(1)(डी) का हवाला देते हुए सैकिया को अस्थायी रूप से सचिव नियुक्त किया था। इस प्रावधान के तहत यदि किसी प्रमुख पदाधिकारी के पद में अस्वस्थता या रिक्तता होती है, तो अन्य पदाधिकारी को अस्थायी रूप से यह कार्य सौंपा जा सकता है।
जय शाह के कार्यकाल में लिए गए ऐतिहासिक फैसले
जय शाह के BCCI सचिव बनने से भारतीय क्रिकेट में कई बड़े बदलाव हुए। उन्होंने अक्टूबर 2019 में सचिव पद संभाला था और अपने कार्यकाल के दौरान घरेलू क्रिकेट और महिला क्रिकेट को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए।
जय शाह ने महिला खिलाड़ियों की मैच फीस को पुरुष खिलाड़ियों के बराबर करने के लिए महत्वपूर्ण पहल की। इसके अलावा, उन्होंने रोहित शर्मा के कप्तानी में भारत को 2024 के टी20 वर्ल्ड कप में सफलता दिलाने के लिए उनका समर्थन किया।
सैकिया को घरेलू क्रिकेट और महिला क्रिकेट को लेकर जय शाह द्वारा शुरू की गई योजनाओं को अग्रसर करना होगा और उन्हें भारतीय क्रिकेट को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कई रणनीतियां अपनानी होंगी। इसके साथ ही, उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों के आयोजन और खिलाड़ियों के सलेक्शन प्रोसेस में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।