Vishwakarma Puja 2024: 17 सितम्बर 2024 यानी मंगलवार के दिन आदि शिल्पी भगवान विश्वकर्मा जी पूजे जाएंगें। इसलिए हर जगह पूजा पंडाल में भगवान विश्वकर्मा जी की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। हर साल की तरह इस साल भी बरटांड़, बस पेयजल विभाग, बस स्टैंड, रेलवे विभाग सहित अन्य सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में पूजा अर्चना की जाएगी। पंचांग के मुताबिक आज भगवान विश्वकर्मा की पूजा और खरीदारी के लिए काफी ज्यादा अच्छा और शुभ दिन है।

मंगलवार को नक्षत्र एवं योग इस विश्वकर्मा पूजन के लिए भी विशेष बन रहा है। वहीं, शतभिषा नक्षत्र, अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल में आदि शिल्पी जी की पूजा अर्चना की जाएगी। दोपहर के 11:44 से पूर्णिमा तिथि का भी शुभ प्रवेश होगा, जो खरीदारी के लिए बहुत ही ज्यादा अच्छा माना जा रहा है। विश्वकर्मा को सृस्टि का पहला शिल्पकार भी कहा जाता है। इस दिन अनंत चतुर्दशी और गणेश जी का विसर्जन का भी शुभ और बहुत ही ज्यादा अच्छा संयोग बन रहा है। पंचाग के मुताबिक दोपहर में पूर्णिमा तिथि का भी शुभ प्रवेश हो रहा है।

हिन्दू धर्म में दरअसल उदया तिथि मान्य होती है, इसलिए विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर यानी कि मंगलवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन सभी कार्यस्थल के साथ कारखानों में भगवान विश्वकर्मा जी की विधि विधान से पूजा करने से आर्थिक लाभ और उन्नति की बढ़ोतरी होती है।

विश्वकर्मा पूजा मुहूर्त 2024 (Vishwakarma Puja Muhurat 2024)

साल 2024 की बात करें तो इस साल विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 07 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 53 मिनट तक रहेगा। इस बीच समय देख के इच्छानुसार आप विश्वकर्मा जी की पूजा कर सकते हैं।

विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja Vidhi)

आज के दिन सुबह जल्दी उठें और अपने घर, द्वार और मोटर या गाड़ी के दुकान की साफ़-सफाई करें।

इसके बाद नाहा धो के साफ़ सुथरे कपड़े पहन के पूजा स्थल में बैठ जाएं।

फिर हाथ में फूल लें और श्री हरि विष्णु भगवान का ध्यान करें और फिर उनके ऊपर फूल चढ़ा दें।

इसके बाद भगवान विश्वकर्मा भगवान जी की पूजा अर्चना करें।

पूजा के स्थान पर जल से भरा कलश, अक्षत, धूप, सुपारी, माला, फूल, चन्दन और पीली सरसों आदि चीजें जरूर रखें।

हाथ में फूल और अक्षत लेकर के भगवान विश्वकर्मा का नाम ध्यान करें।

इसके बाद जो हाथ में फूल लिया है उसे भगवान विश्वकर्मा जी के ऊपर चढ़ा दें।

 

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