देश में हजारों वीरों ने अलग अलग समय पर जन्म लिया है । उन्होंने अपनी वीरता से इस देश को गौरव दिया है । ऐसे ही एक राजा थे पेशवा बाजीराव । जिन्होंने दिल्ली आकर मुग़लों को पानी पिला दिया था । 

तारीख थी, 12 नवंबर 1736 को, मराठा पेशवा बाजीराव मुगल राजधानी पर हमला करने के लिए दिल्ली पर आगे बढ़े। मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने मीर हसन खान कोका को 150,000 सैनिकों की सेना के साथ दिल्ली पर मराठाओं के हमले को रोकने के लिए भेजा। बाजीराव की सेना ने दिल्ली की ओर बढ़ कर तालकतोरा के पास डेरा डाला।मुगलों ने मराठा सेना पर हमला किया लेकिन उन्हें मराठो ने भारी नुकसान के साथ हरा दिया। 

मराठा लूट ने मुगल साम्राज्य को कमजोर कर दिया, जो 1739 में नादिर शाह और 1750 में अहमद शाह के लगातार आक्रमणों के बाद और भी कमजोर हो गया। लगातार हमलों के वजह से मराठों ने फिर एक बार 1757 में दिल्ली पर आक्रमण किता और रोहिल्लाओं को दिल्ली से बाहर कर दिया। इसके बाद मुगलों ने सारी शक्ति खो द

मस्तानी के साथ जुड़ा नाम 

बाजीराव के बारे में सबसे अधिक प्रसिद्ध मस्तानी की कहानी है । मस्तानी बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल की बेटी थी, एक युद्ध में बाजीराव ने छत्रसाल की मदद की थी, और उसके बाद उनके निवास स्थान पर रहे थे । लेकिन वहाँ पर मस्तानी और बाजीराव में प्यार हो गया। और दोनों ने शादी कर ली । इस वजह से बाजीराव को हर जगह से विरोध झेलना पड़ा लेकिन उन्होंने मरते दम तक मस्तानी का साथ नहीं छोड़ा । आज भी लोग इनके प्यार की मिसाल देते हैं ।

बाजीराव ने अपने जीवन में दर्जनों लड़ाई लड़ी । वे हमेशा युद्ध के मैदान में ही रहे । लेकिन कभी भी उनको हार का सामना नहीं करना पड़ा । बाजीराव के समय में ही महाराष्ट्र का प्रसिद्ध महल शनिवार वारा बनाया गया था ।

 

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