अगर पति-पत्नी के पवित्र रिश्ते को हमेशा के लिए स्ट्रांग बना के रखना हो तो उसके लिए काफी ज्यादा प्यार, केयर और कपल के एक-दूसरे को सपोर्ट करने की जरूरत होती है। लेकिन कभी-कभी महिलाओं को समझ पाना पुरुष जाति के लिए थोड़ा मुश्किल हो जाता है, ऐसे में लड़ाई-झगड़ा बढ़ने लगता है। कई बार पुरुषों को ये लगता है कि उनकी पार्टनर हर छोटी बातों को लेकर गुस्सा करती हैं, लेकिन उसके पीछे की केयर वो समझने ही नहीं पाते हैं। ऐसे में हम कुछ आसान से प्रश्नों के उत्तर बताएंगें, जिसके बारे में शायद आप भी काफी समय से तलाश कर रहे हैं।

मोस्टली हस्बैंड्स को शादी के बाद लगता है कि मैं तंग आ चुका हूँ, इसको समझना और समझा पाना मेरे बस का नहीं है

ऐसा नहीं है कि हम यहाँ केवल कुछ ही लोगों की बात कर रहे हैं बल्कि महिलाओं को लेकर बीते काफी समय से ये बातें सुनने को मिल रही हैं कि औरत को तो ब्रह्मा तक समझ नहीं पाए हैं। ये बातें आपने अपने घर में भी सुन ही रखी होगी कि किस तरह से एक महिला जब भी कुछ बोलने की कोशिश करती है, तो ये बोलकर साइड कर दिया जाता है कि ये तो कुछ भी बकवास करती हैं। या इन्हें तो भगवान तक समझ नहीं पाए हैं तो हमारे बस का कहाँ।

ऐसे में जहन में ये प्रश्न उठना तो लाजिम हो जाता है कि महिला एक रिश्ते में आख़िरकार क्या चाहती है?

ज्यादातर लोगों का सोंचना है कि महिलाएं केवल रिश्ते में पैसा, संपत्ति, अट्रैक्टिव पर्सनालिटी, आजादी और अपने विचार को चाहती हैं। लेकिन क्या ये सच है इसे लेकर सर्वे भी किया गया है जिसके बारे में आपको भी जानना चाहिए कि सर्वे में क्या बातें कही गई हैं। दरअसल, सर्वे, के मुताबिक मानें तो लगभग 54. 1 प्रतिशत महिलाओं के लिए उनका पार्टनर का समान परिवेश का होना बहुत अहम है। जब सिंगल महिलाओं पर हुआ एक सर्वे हुआ तो पता चला कि 18 से लेकर के 34 साल की महिलाओं में 72 प्रतिशत अकेले रहना ही ज्यादा पसंसद करती हैं। अब इनके पीछे कौन सी वजहें हैं, ये तो सभी जानते हैं।

दूसरी ओर जो महलाएं शादी करना चाहती हैं या जो शादीशुदा हैं वे अपने पार्टनर के संग टाइम बिताना और उनके साथ अधिक से अधिक रहना पसंद करती हैं, इसकी पर्सेंटेज करीब 77 है। इसके आलावा 51 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो अपने पुराने पार्टनर से किसी भी तरह के कोई कांटेक्ट नहीं रखना चाहती हैं।

वैसे जब शादी शुदा महिलाऐं से ये पूंछा जाता है, जब उनके शादी को कई साल हो जाते हैं कि वो अपने पार्टनर से क्या उम्मीद रखती हैं तो उनका यही कहना होता है कि उनका पार्टनर अब उन्हें पहले जैसे टाइम नहीं दे पाता है, न ही उनकी बातों को सुनता है।

तो ऐसे में ज्यादातर महिलाओं को ये लगने लगता है कि असल में उनकी गलती है जो उनकी बातें न पति समझ पा रहा है न ही परिवार। वो खुद को तसल्ली देकर संघर्ष करना सीख जाती हैं।

साथी से रखती हैं समय की उम्मीद

एक महिला केवल अपने पार्टनर से यही उम्मीद रखती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें सुने और समझे। न कि उनकी बातों को अनदेखा करे और बार-बार झिझके। यदि पार्टनर उनकी बातों को सुनना और समझना शुरू कर देता है, वो भी बिना किसी तर्क या वितर्क के तो महिलाएं काफी ज्यादा खुश होती हैं। इसके अलावा आजकल कि यंग जेनरेशन की लड़कियां अपने पार्टनर से उम्मीद रखती हैं कि उनका पार्टनर उन्हें करियर की ग्रोथ में भी सपोर्ट करे।

वो भी अपने पार्टनर के ऊपर पूरी तरह से डिपेंडेंट नहीं रहना चाहती हैं, बल्कि चाहती हैं कि अपने पार्टनर को पूरा सपोर्ट कर सकें। चाहे वो इमोशनली हो या फिर फाइनेंशली। अगर उनका पार्टनर उन्हें समझ लेता है तो शायद जीवन में कभी खटास आए ही नहीं और दोनों प्यार का लाइफटाइम बढ़ता चला जाएगा।

 

 

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