अक्सर हम इस बात को सुनते आए हैं कि इंसान भी पहले बंदर ही थे । बंदरों में आज भी इंसानों वाली कई समानता नजर आती है । जैसे कि अधिकतर जानवर मुंह से खाना खाते है वही बंदर इंसानों की तरह हाथ से खाता है । उसके अलावा बंदर इंसानों की नकल करने की भी कोशिश करता है । 

लेकिन क्या आप जानते है कि बंदर और इंसानों में एक और समानता है । जी हाँ जिस तरह से इंसान एक दूसरे को नाम से बुलाते है उसी तरह से बंदरों के झुंड में भी हर एक बंदर का नाम रखा जाता है और उसके साथी उसे वही नाम से बुलाते है । इस बात का पता एक शोध में चला है। आइए जानते है इसके बारे में? 

हालांकि सारे बंदर ऐसा नहीं करते हैं, बल्कि एक खास प्रजाति के बंदरों में ये देखा गया है कि वो अपने साथियों को नाम से बुलाते है । 

रिसर्च में पाया गया कि दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले मार्मोसेट बंदर, एक-दूसरे की पहचान करने और संवाद करने के लिए अलग-अलग मुखर कॉल का उपयोग करते हैं, जिन्हें फी-कॉल के रूप में जाना जाता है।

इस साइंस मैगजीन में प्रकाशित हालिया अध्ययन में यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय के शोधकर्ता शामिल थे। उन्होंने मार्मोसेट की जोड़ियों के बीच प्राकृतिक बातचीत और बंदरों और एक कंप्यूटर सिस्टम के बीच की बातचीत को रिकॉर्ड किया। टीम ने देखा कि ये बंदर अपने फी-कॉल का उपयोग विशिष्ट बंदरों को संबोधित करने के लिए करते हैं और जिस बंदर को वो बुलाते हैं वो कॉल का सही जवाब देते हैं।

 

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