हम सभी इस बात को जानते हैं कि मुग़लों ने कई हिन्दू राजकुमारियों से विवाह किया। हालांकि ये विवाह एक तरह का कान्ट्रैक्ट होता था। कई हिन्दू राजा मुग़लों के साथ दोस्ती बनाए रखने के लिए ऐसा काम किया करते थे । लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि मुग़ल हरम में इन हिन्दू महिलाओ की स्थिति कैसी थी और मुग़ल बादशाह इन्हें किस तरह से रखते थे । 

मुगल हरम, अकबर का शासनकाल, इनके बारे मे इतिहासकारों ने बहुत लिखा है। विभिन्न लेखों में कहा गया है कि अकबर के शासनकाल में मुगल हरम में 5 हजार से भी अधिक खूबसूरत महिलाएं थीं। यह भी बता दें है कि जुल्मी मुगल शासक बाबर ने मुगल हरम का निर्माण किया था। अकबर ने पिता की राह पर चलते हुए मुगल हरम पर विशेष ध्यान देना शुरू किया।

मुगल हरम एक अरबी शब्द है। हरम का मतलब है कि जहां राजा ही जगह जा सकता है। हिन्दू महिलाओं को हरम में उतना ही सम्मान मिला जितना कि दूसरे धर्मों की महिलाओं को। मुगल बादशाहों ने राजपूत महिलाओं से शादी की थी। इन हिंदू बेगमों को हरम में डाला गया। मुगल बादशाह की बेगम कई हिंदू महिलाएं थीं, जैसे जगत गोसाई, हरखा बाई और हीर कुंवर।

हरखाबाई को अकबर की एक विशेष बेगम बताया जाता था। हरम में हरखा बाई को अन्य महिलाओं से अलग स्थान दिया गया था। वहाँ रहने वाली सभी महिलाओं ने हरखा बाई को सम्मान और इज्जत दी। हरखा बाई को ‘मरियम-उज़-ज़मानी’ कहा गया था। हिन्दू महिलाएं हरम में समान रूप से रहती थीं। अकबर के समय में तो उन्हें भगवान की स्थापना तक का अधिकार था। ये हिन्दू महिलाएं कभी भी अपने सम्मान के साथ समझौता करके नहीं रही । इन रानियों के आगे मुग़लों की कोई अय्याशी नहीं चली । 

 

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