भारत में अगर सबसे जरूरी किसी कागजात की बात हो तो वो आधार कार्ड माना जाता है। लेकिन अगर दुसरे नम्बर पर किसी कागजात की बात हो तो वो इनकम टॅक्स डिपार्टमेंट के द्वारा ज़ारी किया गया pan card है। हमेशा एक ही तर्ज पर जारी किया जाने वाला PAN 10-अक्षर-अंक का कॉम्बिनेशन होता है, जो कतई यूनीक होता है, यानी किन्हीं भी दो लोगों का PAN Number एक जैसा हरगिज़ नहीं हो सकता।

Income tax department कई तरीके से इसका उपयोग करती है। इसी की मदद से डिपार्टमेंट देश के नागरिकों की आय और व्यय का ब्योरा रखती है। मोटे तौर पर देखें, तो PAN Number हर शख्स के सभी व्यक्तिगत लेनदेन को दर्ज करने के लिए डेटाबेस के तौर पर काम करता है, जिसमें सोर्स पर टैक्स कलेक्शन, सोर्स पर टैक्स डिडक्शन, इनकम टैक्स का भुगतान, इनकम टैक्स रिटर्न वगैरह शामिल होते हैं।

PAN Number का पांचवां अक्षर भी अंग्रेज़ी वर्णमाला का ही अक्षर होता है, लेकिन वह टैक्सपेयर के सरनेम, यानी जातिनाम या अंतिम नाम का पहला अक्षर ही होता है।

इसके बाद PAN Number में चार अंक लिखे रहते हैं, जो रैण्डम तरीके से ‘0001’ ‘9999’ के बीच की कोई भी संख्या हो सकती है।

PAN Number का अंतिम अक्षर फिर अंग्रेज़ी भाषा का वर्ण होता है, जो रैण्डम तरीके से ‘A’ से ‘Z’ के बीच में से कुछ भी हो सकता है।

Pan card का इस्तेमाल अब लगभग अनिवार्य हो चुका है। इसके उपयोग से ही अब आप बैंक के खाते भी खोल सकते हैं। यानि आधार कार्ड की तरह pan card भी एक बहुत ही जरुरी document है।

 

 

 

 

Latest News