Toll Tax Free: अगर आप वाहन चालक हैं तो ये खबर आपके लिए खास हो सकती है। आपको बता दें नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर अक्सर सफर करते होंगे तो ये आपके लिए खुशखबरी वाली बात हो सकती है। एनएचएआई के द्वारा एक सिस्टम तैयार किया गया है। इस सिस्टम के तहत टोल नहीं देना होगा। बहराल इस सुविधा का लाभ टैक्स व्हीकल के लिए नहीं लागू किया गया है बल्कि प्राइवेट व्हीकल गाड़ियों को मिलेगा।

एनएचएआई के द्वारा इस सिस्टम को अप्रूवल दे दिया गया है। इसमें जितना व्हीकल से सफर करेंगे। इतनी ही दूरी के लिए टोल का पैसा अदा करना होगा। अभी तक ओपन टोलिंग में एक ओर से एंट्री करने के बाद पूरे स्ट्रेच का टोल अदा करना था। इस नए सिस्टम से पब्लिक को काफी राहत प्राप्त होगी।

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सरकार ने शुरु किया ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम

सरकार के अनुसार, अगर किसी गाड़ी में नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम सेट है और वह उस पर काम कर रहे हैं तो ऐसे में 20 किमी तक हाइवे या फिर एक्सप्रेसवे पर चलने के लिए टोल टैक्स नहीं देना होगा। नोटिफिकेशन के आधार पर एक पायलट प्रोजेक्ट कर्नाटक में एनएच 275 और हरियाणा के एनएच 709 पर किया गया है।

वहीं फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर पूरे एक्सप्रेसवे का टोल शुल्क देना होगा। ऐसे में मान लें कि अगर कोई दिल्ली से चलकर बागपत में उतरता है लेकिन फास्टैग प्लैकलिस्ट में है तो उस चालक को देहरादून तक का टोल टैक्स देना पड़ेगा। वहीं चालकों को अलर्ट करने के लिए एनएचएआई के लिए एंट्री प्वाइंट बोर्ड को भी लगाया गया है। जिससे कि चालक इस नियम से पहले अलर्ट हो जाएं।

सरकार के प्लान के मुताबिक ग्लोबल नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम पर बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल लागू किया जा सकता है। इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए एनएचएआई ने नेशनल राजमार्गों पर आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल के लिए दुनिया के काफी सारे देशों से प्रस्ताव मांगे हैं। तो जानते हैं कि जीएनएसएस लागू होने के बाद किस विधि से टोल वसूला जाएगा। इसके लिए किस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा।

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नए सिस्टम के आने के बाद से देश में कुल टोल कलेक्शन में 10 हजार करोड़ रुपये तक का इजाफा होगा। बहराल इसके बाद से एनएचएआई पर टोल बूथो को खत्म कर दिया जाएगा। एनएचएआई फास्टैग सिस्टम के अंदर जीएनएसएस बेस्ड इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम के लागू करने के प्लान पर काम कर रहा है।

वहीं आपको बता दें शुरुआत में हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जा सकता है। इस टेक्नोलॉजी का जल्द से जल्द ट्रायल लिया जा सकता है। जीएनएसएस आने से टोल बूथ पूरी तरह से मुक्त होंगे। पूराने सिस्टम में टोल प्लाजा पर ज्यादा कर्मचारियों को काम पर रखने की आवश्यकता नहीं होगी।

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