RBI Update: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल बैंकिंग सुरक्षा को बढ़ाने के लिए केवाईसी (Know Your Customer) नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनका उद्देश्य ग्राहकों की पहचान की सुरक्षा को मजबूत करना है। ये बदलाव खासकर उन ग्राहकों को प्रभावित करेंगे जिनका एक ही मोबाइल नंबर कई बैंक खातों से जुड़ा हुआ है।
नई केवाईसी नियमों के प्रमुख बिंदु:
1. मोबाइल नंबर की सुरक्षा:
आजकल, एक ही मोबाइल नंबर को कई बैंक खातों से जोड़ना एक सामान्य प्रथा बन चुकी है। हालांकि, इससे कई सुरक्षा खतरें उत्पन्न हो सकते हैं, जैसे कि यदि किसी धोखेबाज के पास यह मोबाइल नंबर पहुंच जाए, तो वह आपके बैंक खातों तक आसानी से पहुंच सकता है।
इस खतरे से बचने के लिए, अब बैंक खाता धारकों को अपनी पहचान और खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग मोबाइल नंबर देना होगा, खासकर संयुक्त खातों के मामले में।
2. पैन कार्ड और आधार कार्ड की अनिवार्यता:
नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बैंकों को अब पैन कार्ड, आधार कार्ड, और यूनिक मोबाइल नंबर के जरिए ग्राहक की पहचान को सत्यापित करना अनिवार्य होगा। इससे न केवल खातों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों पर भी लगाम लगेगी।
3. संयुक्त खाता धारकों के लिए नया नियम:
पहले जहां संयुक्त खाते में दोनों खाताधारकों का एक ही मोबाइल नंबर हो सकता था, अब इस नियम में बदलाव किया गया है। अब संयुक्त खाता धारकों को अलग-अलग मोबाइल नंबर उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा, ताकि दोनों के खातों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
4. बैंक द्वारा अधिक सतर्कता:
बैंकों को अब अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता होगी और उन्हें ग्राहकों की पहचान की जांच के लिए कई स्तरों पर जांच करनी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी ग्राहक के खाते का गलत तरीके से उपयोग न हो और धोखाधड़ी की संभावना कम से कम हो।
निष्कर्ष:
आरबीआई के ये नए दिशा-निर्देश डिजिटल बैंकिंग में सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। यह बदलाव ग्राहकों के लिए उनकी बैंकिंग गतिविधियों को और अधिक सुरक्षित बनाते हैं और साथ ही बैंक खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। अब ग्राहक को यह ध्यान रखना होगा कि उनका मोबाइल नंबर केवल एक बैंक खाते से जुड़ा हो, ताकि उनकी जानकारी और पैसे को धोखाधड़ी से बचाया जा सके।