जब बात खाने-पीने की हो तो भारत के मसालों से लेकर के ट्रेडिशनल फूड्स तक, यहाँ पर एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट फूड्स सर्व किये जाते हैं। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि भारत में चाव से खाए जाने वाले ये फूड्स केवल मुगलों के कारण ही भारत तक पहुंची थीं। बहुत से लोगों का मानना है कि मुग़ल भारत में केवल बिरयानी ही लेकर के आए थे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इसके साथ ही वे कुछ और भी डिशेस को लेकर के आए हैं, जिसे भारत में आज भी बड़े चाव से खाया जाता है और ये लोगों को काफी ज्यादा पसंद भी आता है।

पान

पान का नाम सुन के ही मुँह में पानी आना शुरू हो जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि पान भारत में मुगलों के द्वारा ही लेकर के आया गया था। जब मुग़ल भारत थे तभी ये परम्परा भारत में शुरू हुई थी कि पान के पत्तों में सुपारी, चूना और कत्था सहित अन्य स्वाद बढ़ाने वाले मसाले का भी यूज़ किया जाता था।

कबाब

कबाब भी एक तरीका का आजकल नहीं मिलता बल्कि इसके भी कई सारे फ्लेवर्स मार्केट में आ चुके हैं जैसे कीरेश्मी कबाब, सीख कबाब आदि। लेकिन क्या आपको पता है कि ये डिश मुगलों के द्वारा ही भारत में लेकर के आई गई थी। आपकी जानकारी को बढ़ाने के लिए बता दें कि मुगलों के समय में मीट के टुकड़ों को धागे में पिरोकरके पहले ग्रिल किया जाता है, फिर कबाब को तैयार किया जाता है। आज भी भारत में कबाब को बड़े चाव से खाया जाता है।

शरबत

गर्मी के मौसम में शरबत को सभी ही पीना पसंद करते हैं। क्यूंकि ये बॉडी में एनर्जी प्रोवाइड करने का काम करता है। लेकिन क्या आपको पता है कि मुगलों के द्वारा ही ठंडा-ठंडा शरबत भारत में लेकर के आया गया था। मुग़ल शाषक वहीं इसमें गुलाब और केसर को भी डालते थे। स्पेशली गर्मियों के मौसम में तो डिफरेंट-डिफरेंट वैराइटी के शर्बतों का सेवन किया जाता है।

करी

चाहे एग करी हो या चिकन करी ये टेस्टी रेसिपी मुग़ल शासकों के द्वारा ही भारत में लेकर के आई गई थी। करी प्रिपेयर करने के लिए मसालों को एक साथ पकाने के बाद गाढ़े से पेस्ट को तैयार किया जाता है जिसे ही करी कहा जाता है।

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