भारत में एक से एक राजा महाराज हुए हैं और सबका इतिहास में अपना अपना स्थान रहा है। लेकिन कुछ ऐसे भी बादशाह हुए हैं, जो अपनी नाकामी और अय्याशी के लिए जाने जाते हैं । ऐसे ही एक राजा थे शाह रंगीला । जिनके ऊपर अय्याशी का शुरुर ऐसा छाया हुआ था कि उसे कुछ दिखाई ही नहीं देता था । मुग़ल बादशाह ने अपनी युद्ध नीति और बहादुरी से पूरे देश पर राज किया । लेकिन उसी वंश में एक ऐसा भी राजा हुआ जो इन सबसे अलग था । जिसे तलवार से नहीं बल्कि औरतों के सलवार से प्यार था । जो युद्ध की नहीं शराब के सहारे जिंदा था । 

अपने लगभग 30 साल के राज में रंगीला ने खुद कोई लड़ाई नहीं छेड़ी. मस्ती में जीवन निकलता था। सुबह-सुबह कभी मुर्गों की लड़ाई। कभी घुड़दौड़।  दिन में तरह-तरह के संगीत. फिर इश्क-मुहब्बत।  तरह-तरह के कलाकारों को अपने पास बिठाना। बातें करना।  बादशाह के बारे में कहा जाता है कि वो लड़कियों के कपड़े पहन नाचते थे। पर इसमें बुरा क्या था? ये नृत्य के प्रति उनका असीम इश्क था। एक बादशाह का वैसा करना थर्ड जेंडर के लोगों के लिए बड़ा ही सुकून वाला रहा होगा। 

जब नादिर शाह ने छिन लिया सब कुछ 

शाह रंगीला के पास अकूत संपत्ति थी, लेकिन उसकी रक्षा करने का जिगरा उसके अंदर नहीं था । इसी मौके का फायदा उठा कर नादिर शाह अपने लाव लश्कर के साथ दिल्ली आ धमका । शाह रंगीला लड़ने वालों में से कहा था, उसने सरेन्डर करने मे जरा भी समय नहीं लगाया । इस वजह से दिल्ली में कत्लेआम मच गया । सैकड़ों लोग मारे गए । क्या बच्चे क्या औरते क्या बुजुर्ग, दिल्ली मे जिधर देखो उधर नादिर शाह के सैनिकों का कोहराम मच गया। 

 

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