भारत में एक से एक राजा और महाराज हुए हैं । उनकी कहानी भी बहुत अद्भुत हैं । कई राजाओ ने अपने जीते जी ऐसे नेक काम किए, कि आज भी जनता उन्हें याद करती है । वहीं कई राजा अपने दरिंदगी के लिए भी जाने जाते हैं । वही कई राजा ऐसे भी हुए जिन्हें सिर्फ उनकी रंगीन मिजाजी की वजह से ही याद किया जाता है। 

ऐसे ही एक महाराजा की कहानी आज हम आपको बताने जा रहे हैं । इनका नाम था भूपिंदर सिंह जो पटियाला के राजा थे । इनके पास अथाह धन था और ये क्रिकेट खेलने के भी बहुत शौकीन थे । लेकिन इनकी शोहरत का कारण कुछ और ही बन गया । कुछ ही दिनों में इनकी पहचान इनकी अय्याशी की वजह से होने लगी । 

महाराजा भूपिंदर सिंह की रंगीन मिजाजी का जिक्र दीवान जरमनी दास ने अपनी किताब ‘महाराजा’ में विस्तार से किया है। उनके मुताबिक, राजा ने पटियाला में ‘लीला-भवन’ या रंगरलियों का महल बनवाया था, जहां सिर्फ बिना कपड़ों के ही लोगों को एंट्री मिलती थी। यह महल पटियाला शहर में भूपेंदरनगर जाने वाली सड़क पर बाहरदरी बाग के करीब बना हआ है। 

इतिहासकारों के मुताबिक, महाराजा भूपिंदर सिंह की 10 रानियों समेत कुल 365 रानियां थीं, जिनके लिए पटियाला में भव्य महल बनाए गए थे। इन महलों में रानियों के स्वास्थ्य की जांच के लिए हर वक्त चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भी मौजूद रहती थी। दीवान जरमनी दास के मुताबिक, महाराजा की 10 पत्नियों से 83 बच्चे हुए थे, जिनमें से 53 बच्चे ही जिंदा रह पाए थे। 

कहते हैं कि इनके महल में रोजाना 365 लालटेन जलाया जाता था और  हर लालटेन पर एक रानी का नाम लिखा होता था, सुबह जो लालटेन पहले बुझता था उसपर जिस भी रानी का नाम लिखा होता था ये  उसी रानी के साथ रात बिताते थे । 

Latest News